यद्यपि, मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं काफी समय से चलती रही हैं। इसका कारण भी है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है।
वर्ष 2022 में जब पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला, उस समय तीन मंत्री पद रिक्त रखे गए। बाद में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से एक स्थान और खाली हो गया।
यानी, वर्तमान में मुख्यमंत्री के अलावा कुल सात मंत्री हैं। कई बार चर्चाओं के बावजूद अलग-अलग कारणों से मंत्रिमंडल विस्तार टलता आ रहा है। इस बीच हालिया बजट सत्र में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का नाम एक विवाद से जुड़ा तो राजनीतिक माहौल गर्मा गया।
इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कुछ मंत्रियों के बदले जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। कहा जा रहा है कि दो से लेकर चार मंत्री तक बदले जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो इस स्थिति में छह से लेकर आठ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में अवसर मिल सकता है।
भाजपा से जुड़े सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि सभी रिक्त पद भरने के बजाय मुख्यमंत्री कम से कम दो स्थान अब भी खाली छोड़ सकते हैं। इसके अलावा यह तय माना जा रहा है कि कई मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं।
अगर यह राजनीतिक घटनाक्रम आकार लेता है तो उन जिलों में से कुछ को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल सकता है, जो फिलहाल इस दृष्टिकोण से वंचित हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चंपावत से विधायक हैं, जबकि पौड़ी गढ़वाल जिले से दो मंत्री सतपाल महाराज व डा धन सिंह रावत धामी की टीम का हिस्सा हैं।
देहरादून जिले से भी दो मंत्री हैं प्रेम चंद अग्रवाल और गणेश जोशी, जबकि टिहरी से सुबोध उनियाल, अल्मोड़ा जिले से रेखा आर्या व ऊधम सिंह नगर जिले से सौरभ बहुगुणा मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
इसका मतलब हुआ कि हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिले से कोई मंत्री नहीं हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री उत्तरकाशी जिले के दौरे पर आए थे।
दोपहर में उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए विदा करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दिल्ली रवाना हो गए। यद्यपि, मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का कारण कुछ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट को बताया गया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श इसका असली उद्देश्य है।