प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, डीजीपी के लिए 25 लाख कीमत तक की कार खरीदी जा सकेगी। परिवहन विभाग की संशोधित वाहन खरीद नीति पर वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है, जो कि अब कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है।
नीति न होने की वजह से प्रदेश में 1500 सरकारी वाहन खरीद की प्रक्रिया लटकी हुई है। दरअसल, प्रदेश में अभी तक वर्ष 2016 की वाहन खरीद नीति चल रही है, जिसमें वाहनों की कीमत वर्तमान के सापेक्ष काफी कम है। परिवहन विभाग ने पूर्व में कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव गणमान्यों के लिए वाहन खरीद का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था, जिसे लौटा दिया गया।
तय हुआ था कि 2016 की नीति आज के परिपेक्ष्य में कमतर है। लिहाजा, ऐसी नीति तैयार की जाए, जिसमें वाहनों के वर्तमान दामों के साथ ही ई-वाहन, सीएनजी वाहन भी शामिल किए जाएं। संशोधित नीति का प्रस्ताव वित्त को भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है। यह नीति 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में आने की संभावना है।