पुलिस के मुताबिक, रेवाड़ी जिले के ग्राम लिसाड़ी निवासी केहर सिंह (35), आदित्य (38), मनीष (36), प्रकाश (40) और महिपाल (40) आर्टिका कार से बुधवार देर शाम हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे। कार प्रकाश की है, जिसे वह खुद चला रहा था। रात करीब 11:30 बजे युवकों की कार हरिद्वार शहर से 12 किलोमीटर पहले बहादराबाद पहुंची और शनि मंदिर के पास हाईवे किनारे खड़े एक ट्रक के पिछले हिस्से से जा टकराई।
आगे की सीट पर बैठे एक युवक सहित तीन यात्रियों की मौत
उनकी पहचान केहर सिंह, आदित्य और मनीष के रूप में हुई। गंभीर रूप से घायल प्रकाश व महिपाल को पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां प्रकाश ने भी दम तोड़ दिया। महिपाल की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
हरिद्वार पहुंचकर बदहवास हुए स्वजन, एक-दूसरे को देते रहे दिलासा
हादसे की खबर मिलते ही हरिद्वार की तरफ दौड़े पांचों युवकों के स्वजन यहां पहुंचकर बदहवास रहे। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान एक-दूसरे को दिलासा देते रहे। हादसे के बाद बहादराबाद थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ ने कार से मोबाइल लेकर उसमें एक नंबर निकाला। बात करने पर पता चला कि वह घायल महिपाल का भाई सतपाल है।
बातचीत में सतपाल ने बताया कि पांचों दोस्त नए साल के उपलक्ष्य में अपने उज्जवल भविष्य की कामना लेकर हरिद्वार के लिए निकले थे। हरिद्वार के बाद यदि आगे जाने की योजना बनती तो वह ऋषिकेश भी जाने वाले थे। पांचों दोस्त पहले भी हरिद्वार जा चुके थे। नए साल की शुरुआत भी उन्होंने धर्मनगरी से करने की तैयारी की थी।
100 किलोमीटर से ज्यादा थी रफ्तार
हादसे के बाद एआरटीओ और यातायात पुलिस की टीम ने भी निरीक्षण किया। अनुमान लगाया जा रहा है कि हादसे के दौरान कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा रही होगी। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर पुलिस का दावा है कि दुर्घटनास्थल से चंद मीटर पहले तिराहा है, वहां भी कार की रफ्तार धीमी नहीं की गई। संभवत उन्हें सड़क किनारे खड़ा ट्रक दिखाई ही नहीं दिया, इसलिए दुर्घटना घटित हुई।
एक किलोमीटर पहले है ब्लैक स्पाट
दुर्घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर पहले बहादराबाद बाईपास पर दुर्घटना के लिए ब्लैक स्पाट के तौर पर चिह्नित जगह है। लेकिन, जहां हरियाणा के युवकों की कार हाईवे किनारे खड़े ट्रक से टकराई, वहां यह पहला हादसा हुआ है। यहां हाईवे की चौड़ाई भी कम है। आरोपित चालक इसी कम चौड़ाई वाली जगह पर ट्रक खड़ा कर शौच करने गया। ट्रक भगवानपुर से सीमेंट भरकर ऋषिकेश के लिए चला था।