देहरादून। मानसून से पहले ही पहाड़ों पर दुश्वारियां सामने आने लगी हैं। वर्षा और बादल डराने लगे हैं। मंगलवार रात और बुधवार सुबह भारी वर्षा के कारण जहां केदारनाथ पैदल मार्ग पर फिर से हुए भूस्खलन में दो पालकी मजदूरों की मौत हो गई, वहीं कुमाऊं के पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में भी लोगों ने परेशानी झेली।
बोल्डर की चपेट में आने से दो की मौत
केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी के पास बुधवार सुबह लगभग साढे ग्यारह बजे फिर भूस्खलन हो गया। पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से दो पालकी मजदूर डोडा जम्मू कश्मीर निवासी 18 वर्षीय नितिन कुमार और चंद्रशेखर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संदीप कुमार, नितिन मन्हास के साथ ही भावनगर गुजरात निवासी तीर्थयात्री आकाश चितरीय घायल हो गए।
रविवार को भी जंगलचट्टी के पास गदेरे में मलबा और पत्थर आने से नेपाली मूल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि तीन यात्रियों को हल्की चोटें आई थी। केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछले तीन वर्षो में भूस्खलन से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता चल रहे है।
दो पालकी बोल्डर की चपेट में आई। इनमें एक खाली थी, जबकि एक में गुजरात का तीर्थयात्री था। घायलों का गौरीकुंड के अस्तपाल में उपचार चल रहा है।
रविवार को भी जंगलचट्टी के पास गदेरे में मलबा और पत्थर आने से नेपाली मूल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि तीन यात्रियों को हल्की चोटें आई थी। केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछले तीन वर्षो में भूस्खलन से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता चल रहे है।