government_banner_ad झंडा मेला आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु – The Chaukidar
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झंडा मेला आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

झंडा मेला आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु। देश-विदेश से पहुंचे संगतों ने झंडेजी के दर्शन कर मन्नतें मांगीं। झंडेजी के दर्शन के लिए दरबार साहिब परिसर के अलावा आसपास की दुकानों व घरों की छतों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

आस्था के समंदर में श्रद्धा का सैलाब। ढोल नगाड़े पर नृत्य करते श्रद्धालु, पुष्पवर्षा के साथ चारों तरफ गुरु महाराज के जयकारों की गूंज। फिर भी असीम शांति का एहसास। श्री गुरु राम राय दरबार साहिब परिसर में प्रेम, सद्भावना, आस्था, भाईचारा, सौहार्द व उल्लास का प्रतीक झंडेजी मेला में बुधवार को 90 फीट ऊचे झंडेजी के आरोहण के दौरान यह नजारा देखने को मिला।
उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों व विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु इस अविस्मरणीय पल के साक्षी बने। दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में शाम चार बजकर 19 मिनट पर झंडेजी का आरोहण किया। इस दौरान पूरा दरबार परिसर गुरु महाराज के जयकारों से गूंज उठा। झंडेजी के दर्शन के लिए दरबार साहिब परिसर के अलावा आसपास की दुकानों व घरों की छतों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
प्रत्येक वर्ष होली के पांचवें दिन चैत्र मास की पंचमी पर दरबार साहिब परिसर में ऐतिहासिक झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू होता है। झंडेजी के आरोहण के अद्भुत पल का दीदार व इस पुण्य को अर्जित करने के लिए तकरीबन दो हफ्ते पहले श्रद्धालुओं के दून पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे यह पल नजदीक आता गया, श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता गया।
बुधवार सुबह सात बजे पूजा अर्चना के साथ पुराने झंडेजी (ध्वज दंड) को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान दरबार साहिब परिसर संगत से खचाखच भर गया। पूजा-अर्चना के बाद झंडेजी को दूध, घी, शहद, गंगाजल से स्नान करवाया। इसके बाद नए झंडेजी पर गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया के तहत सादे, शनील व अंत में ग्राम व पोस्ट लधाना जिला चिक्का नवाशहर पंजाब के राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह के परिवार ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए लालायित नजर आया।

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