भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
श्रद्धा पूर्वक मनाया गुरु तेग बहादर जी का 400 वां प्रकाश पुरब
साहिब श्री गुरु तेग बहादर जी का 400 वां एवं साहिब श्री गुरु अर्जन देव जी का 459 वां पावन प्रकाश पुरब श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा – कीर्तन के रूप में गुरमत समागम के रूप में मनाये गये।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में प्रात: नितनेम के पश्चात हजूरी रागी भाई सतवंत सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द ” सा धरती भई हरयावली जित्थे मेरा सतगुर बैठा आये “का गायन कर संगत को निहाल किया।
हैड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह जी ने गुर इतिहास सुनाते हुए कहा कि गुरु तेग बहादर जी के अंदर छोटी उम्र से ही दया का गुण बिराजमान था आप जी किसी की गरीबी को देखकर अपने पहने हुए वस्त्र तक उतार कर पहना देते थे आपजी ने 14 वर्ष की उम्र में ही करतार पुर की जंग में अपनी तेग के करतब दिखा कर जंग जीत ली, जुल्म करना एवं सहन करना गुरु जी ने गलत बताया।
उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव जी शांति के प्रतीक हैँ हमेशा गुरु जी के आदेशों का पालन किया, आप जी ने 30 रागों में बाणी का उच्चारण किया एवं आद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी कि पावन बीड को भाई गुरदास जी के करकमलों द्वारा तैयार करवाया एवं हरमन्दिर साहिब में पहली दफा प्रकाश किया तथा बाबा बुढ़ा साहिब जी को पहले हैड ग्रंथी होने का सम्मान दिया l
भाई चरणजीत सिंह जी ने शब्द ” धन सो वंश धन सो पिता धन सो माता जिन जन जने “, भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द ” गुरु तेग बहादर सिमरिये घर नॉऊ निध आवे धाये ” एवं पटना साहिब से पधारे भाई सरबजीत सिंह ने शब्द ” सिमरो सिमर, सिमर सुख पावो सास सास समाले ” का गायन कर संगत को निहाल किया।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा,समाज सेवी विशाल गुप्ता, नेहा जोशी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, पार्षद देविंदर पाल सिंह मोंटी, गुरप्रीत सिंह छाबड़ा आदि को स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढकर सम्मानित किया।
मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया। इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, कोषाध्यक्ष मंजीत सिंह, सतनाम सिंह, दविंदर सिंह भसीन, राजिंदर सिंह राजा, दलजीत सिंह देवेंदर सिंह सहदेव, इंदरजीत सिंह, गगनदीप सिंह दुग्गल, दलबीर सिंह कलेर आदि उपस्थित थे l