भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
जिला प्रशासन की घोर लापरवाही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद देहरादून में विशाल जनसभा को संबोधित किया था शायद उत्तराखंड प्रवेश के समय उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट नही चैक नही की गयी और कोरोना जांच नहीं की गई थी, साथ ही मंच पर भी सीएम अरविंद केजरीवाल सहित लगभग सभी लोगों ने मास्क नहीं पहना हुआ था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था
समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि 3 जनवरी को दिल्ली से देहरादून की रैली में पहुंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विशाल जनसभा को संबोधित किया था और मंच पर उनके साथ लगभग सभी बिना मास्क के थे, इस दौरान बड़ी संख्या में उत्तराखंड आप पार्टी के नेता उनके संपर्क में आए थे । रैली के बाद उत्तराखंड से वापस लौटते ही अरविंद केजरीवाल कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसकी जानकारी स्वयं अरविंद केजरीवाल द्वारा ट्वीट कर दी गयी कि मैंने अपना कोरोना टैस्ट करवाया हैं और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं जिस कारण मैंने घर में खुद को आइसोलेट कर लिया है। जो लोग पिछले कुछ दिनों में मुझसे संपर्क में आए, कृपया खुद को अलग कर लें और अपना कोरोना टैस्ट करवाए।
अरविंद केजरीवाल की देहरादून में हुई इस जनसभा के दौरान स्टेज पर मौजूद सीएम अरविंद केजरीवाल ना तो स्वयं मास्क पहने हुए थे और ना ही लगभग अन्य सभी लोगों ने पहना हुआ था साथ ही स्टेज पर कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नही किया गया था और यह कि यह भी हो सकता है कि बिना मास्क स्टेज पर बैठे अरविंद केजरीवाल जिस-जिस के संपर्क में आए हो और वह भी संक्रमित हो गया हो तथा बड़ा सवाल यह भी है कि जब सीएम केजरीवाल उत्तराखंड आ रहे थे तो क्या उससे पहले उन्होंने उत्तराखंड में प्रवेश से पूर्व अपना कोरोना वायरस टैस्ट कराया था,शायद नही करवाया था क्योंकि अगर टैस्ट करवाया होता तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आनी थी इस कारण वह देहरादून की रैली में ना आ पाते ।
बड़ा सवाल हैं कि उत्तराखंड में एंट्री के लिए कोरोना टैस्ट आवश्यक है औऱ क्या यह केवल आमजनता के लिए है,क्यों नही प्रशासन द्वारा उत्तराखंड आने वाले नेताओं की कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट मांगी जाती हैं, यह स्पष्ट रूप से पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा कोरोना पॉजिटिव होने के बाद देहरादून में एक विशाल रैली को संबोधित किया गया।
इस संवाददाता द्वारा इस अत्यंत ही गम्भीर मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह बहुत ही गंभीर प्रकरण हैं इसलिये समस्त मामले में कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट तलब की जाए कि किन अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण अरविंद केजरीवाल का उत्तराखंड प्रवेश करने पर कोरोना टेस्ट सम्बन्ध में लापरवाही बरती गयी, यह स्पष्ट रूप से जिला प्रशासन की घोर लापरवाही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण पता नहीं कितने ही लोग इसकी चपेट में आ गए होंगे। इसलिए भविष्य मे उत्तराखंड में प्रवेश के समय चाहे आमजनता हो चाहे मंत्री नेता हो सभी की कोरोना जांच हेतु सख्त निर्देश जारी करने की कृपा कर व्यापक जनहित न्यायहित में रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही करने की कृपा करें ।
आयोग द्वारा प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए सचिव आपदा प्रबंधन उत्तराखंड शासन को नोटिस जारी कर नियमानुसार एवं विधिनुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।