नई दिल्ली। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का अमेरिका दौरा काफी विवादास्पद रहा। ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीद जुबानी जंग की दुनियाभर में चर्चा हो रही है।इस घटना के बाद कलेक्टिव वेस्ट यानी सामूहिक पश्चिम में बिखराव की स्थिति पैदा हो गई है। एक तरफ जहां अमेरिकी की कोशिश है कि यूक्रेन किसी भी तरह रूस के साथ युद्ध विराम कर ले। वहीं, यूरोपीय देश जेलेंस्की के साथ खड़े हो गए हैं।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि जेलेंस्की ने अमेरिका का अपमान किया। वहीं, युद्ध समाप्त न करके वो विश्व युद्ध 3 को आमंत्रित कर रहे हैं। ट्रंप से मुलाकात के कुछ दिनों बाद अमेरिका को लेकर जेलेंस्की के तेवर काफी नरम पड़ चुके हैं।
जेलेंस्की ने अमेरिका का जताया आभार
उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा,”रूस-यूक्रेन युद्ध में यूरोप हमारे साथ खड़ा है। हर कोई युद्ध के मुद्दे पर एकजुट है। शांति के लिए वास्तविक सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है। बेशक, हम अमेरिका के महत्व को समझते हैं और हम अमेरिका से प्राप्त सभी समर्थन के लिए आभारी हैं। ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब हमने कृतज्ञता महसूस न की हो। हमें युद्ध की नहीं, शांति की आवश्यकता है।”
जेलेंस्की ने कहा कि अगर सुरक्षा गारंटी मिलती है और यूक्रेन को नाटो सदस्यता मिलती है तो वह पद छोड़ने को भी तैयार हैं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यूक्रेन रूस के साथ शांति समझौते में अपना इलाका बिल्कुल भी नहीं छोड़ेगा।
अमेरिका के साथ मिनरल डील के लिए यूक्रेन तैयार
इतना ही नहीं, अमेरिका के साथ मिनरल डील (खनिज समझौता) करने को लिए भी यूक्रेन तैयार हो चुका है। जेलेंस्की ने कहा, “हम खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं और यह सुरक्षा गारंटी की दिशा में पहला कदम होगा। हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है, और हमें इससे कहीं अधिक की आवश्यकता है।”बता दें कि अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दी गई मदद के बदले ट्रंप ने मिनरल डील की मांग की थी। क्योंकि यूक्रेन में लिथियम और दुर्लभ खनिजों का भंडार है जो अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है।
रूस को एक इंच का हिस्सा नहीं दूंगा: जेलेंस्की
ओवल ऑफिस की घटना को लेकर जेलेंस्की ने कहा है कि वो इस घटना का जिक्र नहीं करना चाहते, लेकिन वो एक मजबूत युद्धविराम चाहते हैं। हालांकि, वो अपने देश की जमीन का एक इंच का हिस्सा रूस को नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वो राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन रूस को यह भरोसा दिलाना होगा कि वो हमारे देश पर आगे हमला नहीं करेगा।