दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की हार से पंजाब कांग्रेस में खुशी का माहौल है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इससे पंजाब में उनकी वापसी हो सकती है। कांग्रेस वर्तमान स्थिति को इसलिए भी अनुकूल मान रही है क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) राजनीतिक रूप से हाशिये पर चल रही है और पंजाब में भाजपा कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रही है।
ग्रेस भले ही दिल्ली में तीन विधानसभा चुनावों में अपना खाता तक खोल नहीं पाई हो लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) की हार से पंजाब कांग्रेस खासी उत्साहित है।
कांग्रेस नेता यह मान रहे हैं कि इससे पंजाब में उनकी वापसी हो सकती है, क्योंकि अभी तक आप नेता दिल्ली मॉडल के सब्जबाग दिखाकर पंजाब के लोगों को गुमराह कर रहे थे।
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का कहना है कि पंजाब कांग्रेस लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। लोकसभा चुनाव में हमारे सात सांसद जीते। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया, अब 2027 में पंजाब कांग्रेस बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस वर्तमान स्थिति को इसलिए भी अनुकूल मान रही है क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) राजनीतिक रूप से हाशिये पर चल रही है।
वहीं, पंजाब में भाजपा कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रही है। ऐसे में कांग्रेस ही एक ऐसा विकल्प है जो लोगों का विश्वास जीत सकती है। दिल्ली में भले ही भाजपा ने 27 साल बाद वापसी की हो और हरियाणा में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई हो लेकिन पंजाब में भाजपा इन जीत को भुना नहीं पाई।
इसका मुख्य कारण भाजपा अभी तक प्रदेश प्रधान की गुत्थी को सुलझा नहीं पाई है। क्योंकि सुनील जाखड़ खुद को प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी से मुक्त करने की सिफारिश करने के बाद से लगातार सक्रिय राजनीति से दूर हैं। यही कारण है कि कांग्रेस वर्तमान माहौल को अपने अनुकूल मान रही है।
राजा वड़िंग ने कहा कि आज राज्य में अफरा-तफरी का माहौल है। सबकी नजर दिल्ली चुनाव के परिणाम पर थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल समेत सभी बड़े नेताओं के हार जाने से पार्टी के सामने आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। क्योंकि विपक्षी पार्टी अभी तक ऐसे ही किसी मौके का इंतजार कर रही थी, जोकि अब दिल्ली चुनाव ने उन्हें दे दिया है।
बता दें कि आप की शिकस्त कांग्रेस को अब पंजाब में पार्टी को अगले चुनाव में सत्ता की पूरी उम्मीद दिखने लगी है। गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस की सियासत को फिर से ट्रैक पर लाने का मौका भी नजर आ रहा है। इसके मद्देनजर कांग्रेस अब तीनों राज्यों में अपने संगठनात्मक ढांचे की कमान कसने के साथ-साथ दिल्ली चुनाव से आम आदमी पार्टी पर शुरू किए गए सियासी हमले की आक्रामकता को भी जारी रखेगी।
दिल्ली के जनादेश को सहजता से स्वीकार करते हुए जमीन पर ईमानदारी से मेहनत करने की बात कर कांग्रेस नेतृत्व ने इसका संकेत भी दिया है। अपने खराब चुनावी प्रदर्शन के बावजूद आप की हार में भविष्य की उम्मीद कांग्रेस अकारण नहीं देख रही।