मेरठ। खाकी का खौफ खत्म हो चुका है। सुहेल गार्डन में एक ही परिवार की पांच सदस्यों की हत्या के बाद घर पर ताला लगाकर हत्यारोपित आराम से निकल गए, जबकि अफसर दावा करते हैं कि जनपद में कानून का राज है। सुहेल गार्डन के लोग भी पुलिस की निष्क्रयता पर सवाल खड़ा कर रहे थे। हालत यह हो गई थी कि परिवार को भी क्राइम सीन दिखाने से पुलिस हाथ खींच रही थी।
तर्क दिया जा रहा था कि फोरेंसिक टीम काम कर रही है, लेकिन हकीकत यह थी कि हत्यारोपितों की क्रूरता को छिपाया जा रहा था। डीआइजी कलानिधि नैथानी का कहना है कि क्राइम सीन देखकर लग रहा है कि हत्याकांड को अंजाम देने में चार से ज्यादा लोग शामिल होंगे। हत्या करने के बाद शवों को बोरे में भी भरा गया है। यानी कि हत्यारोपित एक से दो घंटे तक घर के अंदर मौजूद रहे।
गठरी में बांध रखा था शव
उन्होंने बताया कि क्राइम सीन को देखकर लगता है कि रात के समय कार में शव को रखकर हत्यारोपित ले जा सकते थे। क्योंकि मोइन के शव को गठरी में बांध रखा था। पूरे घटनाक्रम से लग रहा है कि हत्यारोपितों को कानून का कोई डर नहीं था। दिनदहाड़े पांच हत्या करने के बाद भी सुहेल गार्डन से आराम से निकल गए, जबकि इस कालोनी में हर समय भीड़ रहती है। सवाल है कि पुलिस सिर्फ अवैध धंधा करने वालों को इस कालोनी में जरूर ढूंढ लेती है। अपराधिक घटनाएं करने वालों को पकड़ नहीं पाती।
पुलिस के पास खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एलआइयू है। पहले काफी मामलों में एलआइयू को घटना होने से पहले सूचना मिल जाती थी। इस समय एलआइयू भी पूरी तरह से फेल हो गई है। सिर्फ धरने और प्रदर्शन के प्रार्थना पत्र एकत्र करने तक सीमित रह गई है। सुहेल गार्डन में परिवार के पांच लोगों की हत्या की भनक एलआइयू तक को नहीं हुई है, जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उसके लिए हत्यारोपितों ने पूरी प्लानिंग की होगी।
पुलिस नहीं करती है भ्रमण
उन्होंने परिवार के मूवमेंट को भी चेक किया होगा। तब भी पुलिस और एलआइयू को जानकारी तक नहीं मिल सकी। इसके अलावा लोगाें ने सवाल खड़े किए कि लिसाड़ीगेट थाने के बीट कांस्टेबल यदि अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण करते तो शायद हत्यारोपित दुस्साहसिक वारदात को अंजाम नहीं दे पाते।
लोगों ने पुलिस के कामों पर उठाई उंगली
सुहेल गार्डन के लोगों का कहना था कि लिसाड़ीगेट पुलिस का मूवमेंट तक क्षेत्र में नहीं है। पुलिस को क्षेत्र में देखे भी काफी समय बीत गया है। लोगों की बातों को अनसुना करते हुए अफसर भी धीमे से निकल गए। आरोप यहां तक लगाए गए कि पुलिस सिर्फ वसूली के धंधों में लगी रहती है। अवैध धंधों को तलाश करती रहती है। एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि लिसाड़ीगेट पुलिस के कार्य की भी समीक्षा कर कार्रवाई होगी।
ये था मामला
आपको बता दें कि गुरुवार को ठंडक व सर्द हवाओं के बीच सुहैल गार्डन में पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। टाइल पत्थर के कारीगर, उसकी पत्नी व तीन मासूम बच्चियों की पत्थर काटने के मशीन से गला काटकर बेरहमी से हत्या की गई थी। पांचों को हत्यारों ने बेहद ही दरिंदगी तरीके से मशीन से काटा था। पत्थर कारीगर की गर्दन काटने के बाद उसे गठरी में बांधकर कमरे के बाहर फेंक दिया, जबकि पत्नी व तीन मासूम बच्चियों की हत्या के बाद उन्हें बेड में बने बॉक्स में डाल दिया। हत्या के बाद बदमाश मकान के मेन गेट का ताला लगाकर फरार हो गए थे।