भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
सम्पूर्ण वाक्या इस प्रकार हैं कि आज गुरुवार को दारोगा निर्मल की ड्यूटी उत्त्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विधानसभा भवन पर लगी थी। दिन में करीब लगभग तीन बजे गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गोली चलने की आवाज सुनकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य लोग उस ओर दौड़े। पार्किंग में दारोगा निर्मल लहूलुहान पड़े थे और उनकी सर्विस पिस्टल जमीन पर पड़ी थी पुलिसकर्मियों द्वारा उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी गयी और निर्मल को तत्काल सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दारोगा के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री को संबोधित नोट में दारोगा ने लिखा है कि ‘बीमारी से परेशान हूं। मैं जा रहा हूं मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा’। सुसाइड नोट में दरोगा ने बीमारी से तंग होकर खुदकुशी करने की बात लिखी है। हांलाकि उन्हें कौन सी बीमारी थी, इसका जिक्र नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंथरा थाने में तैनात दारोगा निर्मल मूलरूप से वाराणसी के गांव पल्ही पट्टी, चौबेपुर के रहने वाले थे। वह यहां परिवार के साथ चिनहट में रहते थे। गुरुवार को उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगी थी। दिन में लगभग तीन बजे गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गोली चलने की आवाज सुनकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य लोग उस ओर दौड़े। पार्किंग में दारोगा लहूलुहान पड़े थे और उनकी सर्विस पिस्टल जमीन पर पड़ी थी। पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी और निर्मल को सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सिविल अस्पताल पहुंचे और सम्पूर्ण मामले की जानकारी ली। इसके बाद दारोगा के घरवालों को सूचना दी गई।
पुलिस आयुक्त का कहना है कि दारोगा की सहमति से उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगाई गई थी।
दरोगा निर्मल चिनहट में अपनी पत्नी बच्चों के साथ रहते थे। दरोगा के ने बताया कि वह लंबे समय से परेशान थे। उनका इलाज भी चल रहा था, लेकिन राहत नहीं मिली।