भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
सम्पूर्ण वाक्या इस प्रकार हैं कि मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड द्वारा दिनाँक 08-02-2019 को प्रकाशित समाचारों कि ‘जनता के राशन की कालाबाजारी देर शाम जिला पूर्ति विभाग और पुलिस ने टर्नर रोड पर पकड़ा 30 बोरे चावल’ पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून एवं जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून से आख्या मंगाई गई थी। जिलाधिकारी देहरादून द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून की आख्या संलग्न कर आयोग में भेजी गई। जिसमें अंकित किया गया कि संबंधित पूर्ति निरीक्षकों द्वारा दिनांक 06-2-2019 से दिनांक 08-02-2019 के दौरान उचित दर विक्रेताओं द्वारा उठान किए गए खाद्यान्नों के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उक्त चावल किसी उचित दर विक्रेता का है अथवा नहीं इसलिए दिनांक 24-02-2019 को संबंधितों के विरुद्ध थाना क्लेमेंटटाउन देहरादून में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
जिलाधिकारी देहरादून की भेजी गई आख्या के पश्चात आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को नोटिस जारी कर संपूर्ण मामले में रिपोर्ट तलब की गई तथा सुनवाई हेतु दिनांक 18-11-2019 नियत की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा सुनवाई की नियत तिथि पर आख्या प्रस्तुत की गई कि प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया था। जिसकी विवेचना प्रचलित है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की आख्या के पश्चात आयोग द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तिथि 19 मार्च 2020 को आख्या प्रस्तुत करने हेतु नोटिस जारी किया गया।
सुनवाई की तिथि में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से आख्या दाखिल की गई कि मुकदमे के संबंध में साक्ष्य संकलन की कार्रवाई प्रचलित है। इस आख्या के पश्चात आयोग के सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को निर्देशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि पर विवेचना की अद्यतन स्थिति के संबंध में अपनी आख्या आयोग के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करें और सुनवाई हेतु दिनांक 22 सितंबर 2020 नियत की गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा लंबे समय लगभग 2 साल तक भी इतने गंभीर प्रकरण में अपनी आख्या आयोग में प्रस्तुत नहीं की गई जिस पर आयोग के अध्यक्ष मुख्य न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को निर्देशित किया गया है कि अपनी आख्या आगामी दिनांक से पूर्व आयोग के समक्ष आवश्यक प्रस्तुत करें तथा सुनवाई हेतु दिनांक 2 मार्च 2021 नियत की गई।
आखिर सवाल यह है कि आमजनता से जुड़े प्रकरण, आमजनता से जुड़ा इसलिए क्योंकि यह प्रकरण स्पष्ट रूप से आमजनता के राशन की सरे बाजार चोरी कालाबाजारी का है कि क्या इतने गंभीर प्रकरण में क्या 2 साल तक भी विवेचना पूर्ण नहीं हो पाई आखिर कब होगी इसकी विवेचना पूरी और कब होगी आमजनता के राशन की चोरी कालाबाजारी करने वालें दोषियों पर कार्यवाही या कोई भी कार्यवाही होगी ही नहीं, कही इस मामलें में पुलिस पर सफेदपोशों का कोई दबाव तो नहीं हैं।
इस अत्यंत ही जनहित के प्रकरण में इस संवाददाता द्वारा भी उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग को इस के संबंध में जनहित राज्यहित में कड़ा संज्ञान लेने हेतु पत्र भेज निवेदन किया जा रहा है।