नई दिल्ली। पाकिस्तान के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम पेरिस ओलंपिक्स 2024 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद सुर्खियों का केंद्र बने हुए हैं। नदीम ओलंपिक्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले पाकिस्तान के पहले खिलाड़ी बने। 27 साल के नदीम ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में जेवलिन स्पर्धा में रिकॉर्ड 92.27 मीटर की दूरी पर भाला फेंका था।
अरशद नदीम रविवार को पेरिस से गोल्ड मेडल के साथ अपने घर लौटे। पाकिस्तान पहुंचने के बाद अरशद का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान अरशद नदीम ने पाकिस्तानी सरकार से कुछ विशेष मांगे की, जिसके बाद उनकी जमकर तारीफ हो रही है। जेवलिन थ्रोअर ने अपने गांव में कुछ मूलभूत सुविधाएं लाने की मांग की है।
पाकिस्तान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नदीम ने कहा, ”मेरे गांव को सड़कों की जरुरत है। अगर सरकार कुकिंग गैस मुहैया करा दे तो मेरे और गांव के लिए बहुत बेहतर होगा। मेरा यह भी सपना है कि मियां चानू में यूनिवर्सिटी हो ताकि हमारी बहनों को डेढ़-दो घंटे की यात्रा करके मुल्तान नहीं जाना पड़े। अगर सरकार यहां एक यूनिवर्सिटी बना दें तो मेरे गांव और पड़ोसियों के लिए यह शानदार खबर होगी।”
सरकार का किया धन्यवाद
नदीम ने अपनी मांगे रखने के बाद सरकार द्वारा किए समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। वैसे, नदीम की मांगे सुनने के बाद देशवासियों को जेवलिन थ्रोअर पर गर्व हो रहा है। नदीम की खूब तारीफ हो रही है और लोगों का कहना है कि आपने दिल जीत लिया है। सोशल मीडिया पर नदीम के लिए बधाइयों का तांता लगा है। पता हो कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अरशद नदीम की जिंदगी में काफी बड़ा बदलाव आया है।
कठिनाइयों में बीता बचपन
पता हो कि अरशद नदीम का बचपन काफी कठिनाइयों में बीता। बचपन में खिलाड़ी को अपने साथियों और रिश्तेदारों की आर्थिक मदद लेनी पड़ी ताकि अन्य जगहों पर जाकर जेवलिन स्पर्धा में हिस्सा ले सकें। कुछ महीने पहले ही अरशद ने संस्था से पुराने जेवलिन को बदलने की अपील की थी।