भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड के जिला देहरादून के आईएसबीटी पर रोडवेज़ कर्मचारियों ने महिला से की छेड़छाड़ और अश्लील हरक़त परंतु तहरीर देने के बावजूद भी थाना पटेलनगर के अंतर्गत आईएसबीटी स्थित पुलिस चौकी के कर्मी समझौता कराने में जुटे रहे और तहरीर देने के 24 घंटे तक भी इतने गंभीर मामलें में मुक़दमा दर्ज नहीं किया गया और आख़िर अपने मंसूबे में पुलिस वाले कामयाब हो गए और पीड़ित महिला तथा रोडवेजकर्मियों में समझौता करवाकर ही दम लिया।
संपूर्ण वाक्या इस प्रकार है कि देहरादून आईएसबीटी स्थित एक विधवा महिला रेस्टोरेंट्स का संचालन करती है शनिवार देर रात को पुलिस चौकी में महिला ने तहरीर देकर बताया कि वह विधवा है उसके साथ दो बच्चे और एक रिश्तेदार भी रहते हैं, सभी लोग आईएसबीटी पर ही गुजर-बसर करते हैं। महिला का आरोप है कि शनिवार देर रात रोडवेज का एक कर्मचारी उनके रेस्टोरेंट पर आया और उससे बदसलूकी करने लगा महिला के विरोध करने पर एक और कर्मचारी वहां आ गया और छेड़छाड़ की और दोनों ही कर्मचारी नशे में धुत थे इनमें से एक रोडवेज का समयपाल बताया जा रहा है जो रोडवेज इंप्लाइज यूनियन का पदाधिकारी भी है। दोनों आरोपित कर्मचारी महिला को घसीटने लगे और उस पर संबंध बनाने का दबाव भी बनाया महिला के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने रोडवेज कर्मचारियों के चंगुल से महिला को छुड़ाया महिला द्वारा आईएसबीटी स्थित पुलिस चौकी में तहरीर देने के बावजूद भी 24 घंटे तक मुकदमा दर्ज नहीं किया और रोडवेज कर्मचारियों के दबाव में समझौता कराने में पुलिस जुटी रही और पुलिस आखिर में अपने मंसूबों में कामयाब रही और रविवार रात को समझौता कराकर ही दम लिया जबकि पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार के जनहित में स्पष्ट आदेश हैं कि शिकायत आने पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।
सवाल यह है कि अश्लील हरकत और छेड़छाड़ करने वाले कर्मचारियों से पीड़ित महिला पर दबाव बनाकर महिला से समझौता करवाने वाले आईएसबीटी पुलिस चौकी के जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों और रोडवेज कर्मचारियों पर क्या होगी कार्यवाही,तथा ऐसे पुलिस कर्मचारियों रोडवेज कर्मचारियों के कारण क्या महिलाये सुरक्षित हैं ।