खुलासा

उत्तराखंड शासन का कौन सा अनुभाग अधिकारी जानबूझकर जनता को कैसे करता है तंग और गुमराह, पढ़िए ख़बर

दिनाँक- 16-9-2023 लोक सूचना अधिकारी/कार्यालय सचिव उद्योग उत्तराखंड शासन देहरादून से मानव अधिकार आयोग द्वारा दिनांक 28 जुलाई 2023 को पारित आदेश। 

#आदेश:-#

उक्त आदेश में सचिव उद्योग उत्तराखंड शासन को विधि अनुसार उचित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया हैं के संबंध में जनहित में नियमानुसार 48 घंटे में विभागीय प्रमाण सहित सूचना मांगी गई क्योंकि सूचना का विषय स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है, क्योंकि (फार्मा सिटी सेलाकुई में जो पार्क है वो एक एकमात्र 45 फैक्ट्रियों के फेफड़े है तथा फैक्ट्रियों में लगभग 6000 लोग कार्यरत है जिनको इस पार्क से शुद्ध हवा प्राप्त होती थी परन्तु पार्क को ताला लगाकर बंद कर दिया गया है जिस कारण लोग ताजी हवा से वंचित हो गए है। साथ ही सिडकुल के कार्यालय में एक कैंटीन थी जो फैक्ट्रियों में कार्यरत लोगों के खाना खाने का स्थल था, परन्तु उसे भी शायद बंद कर दिया गया, और जो लोग पार्क में बैठकर भोजन करते थे वो पार्क बंद होने के चलते फुटपाथ पर नालियों के किनारे बैठकर भोजन करने को मजबूर है)

#मांगी गई सूचना:-#

1- यह कि माननीय उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग का आदेश जिस दिनांक को प्राप्त हुआ एवम् प्राप्ति पश्चात् जिस विभागीय रजिस्टर के पृष्ठ में दर्ज़ किया गया विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए। 

2- यह कि माननीय उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग के आदेशों के अनुपालन में श्रीमान सचिव उद्योग उत्तराखंड द्वारा मेरी माननीय आयोग में दिए गए शिकायती पत्र के 7 बिंदुओं पर की गई संपूर्ण कार्यवाही की प्रत्येक बिंदु के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए। 

3- यह कि शिकायत से संबन्धित सम्पूर्ण पत्रावली की छायाप्रति की विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।

#प्रथम अपीलीय अधिकारी का कोरा झूठ:-#

समयावधि में सूचना उपलब्ध ना होने पर इज संवाददाता द्वारा दिनांक 25/9/2023 को प्रथम अपील योजित की गई, अपील पश्चात् प्रथम अपीलीय अधिकारी राधा आर्य, अनु सचिव, औद्योगिक विकास विभाग का अपील की सुनवाई हेतु दिनांक 4 अक्टूबर को भेजा गया पत्र प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया गया है कि आपके अपीलीय प्रार्थना पत्र दिनांक 25/9/2023 जो की अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में दिनांक 03/10/2023 को प्राप्त हुआ है की सुनवाई हेतु 18/10/2023 तिथि नियत है।

उपरोक्त उत्तर अपीलीय अधिकारी ने बिल्कुल गलत दिया है क्योंकि अपीलीय प्रार्थना पत्र दिनांक दिनांक 03/10/2023 को प्राप्त नही हुआ बल्कि दिनांक दिनांक 27/9/2023 को प्राप्त हो गया था, जिसके प्रमाण उपलब्ध है, अपीलीय अधिकारी का 7 दिनों का झूठ।

 

#लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र अनुभाग अधिकारी औद्योगिक विकास अनुभाग -2 उत्तराखंड शासन का कोरा झूठ और भेजी गई अपठनीय सूचना:-#

लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र का दिनांक 04/10/2023 बुधवार को फोन आया कि आप सचिवालय आ जाइए अपनी सूचना ले लीजिए और साथ ही आपकी अपील की सुनवाई भी हो जाएगी, जिसपर मेरे द्वारा कहा गया कि आपके द्वारा मांगा गया अतिरिक्त शुल्क 22/रु भेज रहा हूं उसके बाद आप मेरी सूचना भेज दीजिए, परन्तु मेरा सचिवालय आना मुश्किल है।

लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र ने प्रथम अपील योजित करने के बाद अपने अतिरिक्त शुल्क पत्र पर दिनांक 22/9/2023 अंकित कर दिनांक 27/9/2023 को मेरे को प्रेषित किया जो इस संवाददाता को दिनांक 22/9/2023 को प्राप्त हुआ,जिसके प्रमाण उपलब्ध है, लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र का 6 दिनों का झूठ।

#अतिरिक्त शुल्क पत्र:-#

अतिरिक्त शुल्क प्राप्त होने के बाद लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र द्वारा सूचना भेजी गई, अपने उत्तर पत्र में अंकित किया गया कि शिकायतकर्ता श्री भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी एच-255 नेहरू कालोनी देहरादून ने फार्मासिटी, सेलाकुई में ग्रीनबेल्ट की चिंताओं को नजरअंदाज कर स्थानीय अधिकारियों, सिडकुल के अधिकारियों द्वारा अंधाधुंध भूमि आवंटन किए जाने पर्यावरणहित, राज्यहित में निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही कराये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रेषित किया गया है ।

न्यायहित में शिकायत की प्रति सचिव, उद्योग उत्तराखण्ड शासन को उपलब्ध कराते हुए इस सम्बन्ध में विधि अनुसार उचित कार्यवाही करते हुए पत्रावली का निस्तारण किया गया है। अतः इस सम्बन्ध में मामले में आयोग के उपरोक्त आदेश के अनुपालन में आवश्यक / समुचित कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी है। और और शिकायत पत्र की प्रति प्रबंध निदेशक सिडकुल को नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आख्या शासन को उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देश किया जाना उचित प्रतीत होता है।

लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र ने प्रबंध निदेशक सिडकुल को कार्यवाही हेतु जो पत्र भेजा था, तथा उस पत्र की जो प्रति सूचना के अधिकार के अंतर्गत उपलब्ध करवाई गई है उसकी स्थिति आप स्वयं देख लीजिए। 

#अपठनीय सूचना:-#

लोक सूचना अधिकारी का यह जानबूझकर तंग करना परेशान करना ही तो है, क्योंकि कौन ही पढ़ लेगा,लोक सूचना अधिकारी डॉ.आशीष कुमार मिश्र द्वारा भेजी गई इस सूचना को शायद कोई भी पढ़ पाए, साथ ही सूचना बिना प्रमाणित किए उपलब्ध करवाई है।