उत्तराखंड पुलिस में राजभवन, सीएम आवास, एलआईयू, विजिलेंस आदि विभागों में नियुक्त कर्मियों को जोखिम भत्ता दिया जाता है जबकि सिविल पुलिस, एसटीएफ,बॉम्ब-स्क्वॉड आदि में नियुक्त कर्मियों को जोखिमभत्ता नही दिया जाता है तथा ड्यूटी पर तैनाती के समय सिविल पुलिस, बॉम्ब-स्क्वॉड आदि में नियुक्त कर्मियों की जान जोखिम हमेशा में रहती है।
उत्तराखंड पुलिस में राजभवन, सीएम आवास, एलआईयू, विजिलेंस आदि विभागों में नियुक्त कर्मियों को जोखिम भत्ता दिया जाता है जबकि सिविल पुलिस, बॉम्ब-स्क्वॉड आदि में नियुक्त कर्मियों को जोखिम भत्ता नही दिया जाता है। जबकि ड्यूटी पर तैनाती के समय सिविल पुलिस, एसटीएफ,बॉम्ब-स्क्वॉड आदि में नियुक्त कर्मियों की जान हमेशा जोखिम में रहती है क्योंकि बम स्क्वॉड में तैनात पुलिसकर्मियों को अगर सूचना मिलती है कि फला-फला स्थान पर बम रखा हुआ है या बम फटने की आशंका है तो तत्काल बम स्क्वॉड को वहां जाना पड़ता है और अपनी जान जोखिम में डाल ड्यूटी निभाती है।
यह कि सिविल पुलिस में भी यही स्थिति है जब भी इस तरह की सूचना मिलती है कि अपराधी फला- फला जगह छुपे हुए हैं और कोई बड़ा अपराध करने की फिराक में है उस समय तुरंत सिविल पुलिस वहा पहुंचती है और अपराधियों से सामना करते समय कई दफा अपराधियों से मुठभेड़ भी हो जाती है और उनकी जान पर बन आती है। इसी प्रकार कहीं भी चैन स्नैचिंग हो या कोई अन्य अपराध हो सिविल पुलिस वहां तत्काल अपराधियों का सामना करने और उनको दबोचने के लिए पहुंचती है और कई दफा अपराधी वहां पर भी पुलिस पर हमला कर देते हैं। इसलिए सिविल पुलिस की जान भी जोखिम में रहती है परंतु फिर भी सिविल पुलिस कर्मियों को जोखिम भत्ता नहीं दिया जाता है।इस अत्यंत ही जनहित के प्रकरण में इस संवाददाता द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में दिनाँक-29-7-2023 को जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मियों के मानवाधिकारों से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए जनहित न्यायहित में पुलिस विभाग से यह रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें कि किस-किस विभाग को जोखिम भत्ता दिया जाता है और कितना-कितना दिया जाता है तथा किस-किस विभाग को जोखिम भत्ता नहीं दिया जाता है और उस पर कार्रवाई करते हुए जिन पात्र पुलिसकर्मियों को जोखिम भत्ता नहीं दिया जा रहा उनके संबंध में कार्रवाई करते हुए उन्हें जोखिम भत्ता दिलवाने के आदेश जारी करने की कृपा करें पात्र पुलिस एवम् शिकायतकर्ता हमेशा आपके आभारी रहेंगे, व्यापक जनहित की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग के सदस्य (आईपीएस) राम सिंह मीना द्वारा इस जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिनाँक-04-8-2023 को आदेश जारी किए गए कि-
आदेश:-
पत्रावली का अवलोकन किया गया है।
शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी ने उत्तराखण्ड पुलिस में राजभवन, सीएम आवास, एलआईयू, विजिलेंस आदि विभागों में नियुक्त कर्मियों को जोखिम भत्ता दिये जाने, सिविल पुलिस, बॉम्ब – स्कॉड आदि में नियुक्त कर्मियों को जोखिमभत्ता नहीं दिये जाने तथा जनहित में तत्काल कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया है।
न्यायहित में शिकायत पत्र की प्रति पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड को नियमानुसार एवं विधि अनुसार उचित कार्यवाही करने हेतु प्रेषित करते हुये वाद निस्तारित किया जाता है।