भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
हिमाचल सरकार की बड़ी चूक से गत 3 अक्तूबर को अटल टनल रोहतांग के उद्घाटन के लिए आए प्रधानमंत्री मोदी के संपर्क में रहे हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वन मंत्री राकेश पठानिया कोरोना पॉजिटिव आए कुल्लू के बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी के प्राइमरी कांटेक्ट में थे।
स्वास्थ्य विभाग को शौरी के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट टनल उद्घाटन कार्यक्रम से एक दिन पहले 2 अक्तूबर को ही मिल गई थी परन्तु इसके बावजूद भी हिमाचल सरकार की इस बड़ी चूक ने पीएम मोदी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर पर भी कोरोना का संकट खड़ा कर दिया है। इससे हिमाचल में अब हड़कंप मच गया है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें विधायक शौरी के पॉजिटिव होने की जानकारी 3 अक्तूबर को मिली थी। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, अटल टनल कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से नजदीक से बात करने वाले वन मंत्री राकेश पठानिया भी संक्रमित विधायक के संपर्क में आए थे। वह भी आइसोलेट हो गए हैं। पठानिया ने कहा कि शौरी के पॉजिटिव आने की जानकारी मुख्यमंत्री के आइसोलेट होने के बाद मिली है। शौरी से दूर से मुलाकात हुई थी और हम दोनों ने ही मास्क लगाए थे। फिर भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत खुद को आइसोलेट कर लिया है। मुख्यमंत्री, मंत्री के आइसोलेट होने के बाद सीएम के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा समेत आधा दर्जन से ज्यादा नेता भी क्वारंटीन हो गए हैं। मोदी के साथ मंच साझा करने वाले शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने विधायक से मुलाकात नहीं की थी। इस वजह से वह अभी तक आइसोलेट नहीं हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी चूक
सामान्य तौर पर किसी भी व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाती है और प्राइमरी कांटेक्ट को आइसोलेट होने को कहा जाता है। लेकिन शौरी के पॉजिटिव आने के बाद उन्हें तो आइसोलेट कर दिया गया लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर अन्य सभी कांटेक्ट घूमते रहे।
हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी चूक से अब हिमाचल के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय तक पर कोरोना का ख़तरा मंडरा रहा है।