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बिगब्रेकिंग:फर्जी बीमा करवा संचालित होने वाले थ्री व्हीलर विक्रम वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु RTO देहरादून को नोटिस जारी कर आयोग ने तलब की रिपोर्ट

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

देहरादून में कमर्शियल थ्री-व्हीलर विक्रम वाहनों का अवैध फर्जी बीमा कर सरकार को नुकसान पहुंचाया जा रहा हैं और साथ ही यह आमजनता से भी बहुत ही बड़ा धोखा हैं क्योंकि फर्जी बीमा वाले वाहन से कोई भी दुर्घटना होने के कारण पीड़ित या मृतक के परिजनों को इंश्योरेंस की धनराशि भी नहीं मिल सकती क्योंकि वाहन का बीमा फर्जी है।

समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि कुछ दिन पूर्व जिला देहरादून कलेक्ट्रेट में किसी कार्य से गया। कार्य के दौरान रास्ते में में प्रार्थी ने सुना दो-तीन लोग आपस में बात कर रहे थे कि विक्रम थ्री व्हीलर वाहन का इंश्योरेंस तो रु 15 से बीस हज़ार का होता है, परंतु जुगाड़ से वह रु 2500/-3000/- का भी हो जाता है। यह सुनते ही मैं चौक गया और मैंने उन लोगों से इस बारे में पूछा तो वह इधर उधर की बात करने लगे,परन्तु मैंने उन्हें विश्वास में लेते हुए कहा कि आप डरो मत मेरा भी एक विक्रम वाहन हैं। इस कारण मैं आप लोगों की बात सुनकर रुक गया और आपसे इस बारे में इसलिये पूछा ताकि जब मेरे वाहन का इंश्योरेंस समाप्त हो जाएगा तब मैं भी कम प्रीमियम में इंश्योरेंस करवा सकू,परन्तु उनके द्वारा यह नही बताया कौन-कौन इस काम को कर रहा हैं, परंतु यह कहा कि जब आपके विक्रम का इंश्योरेंस समाप्त होगा आप विक्रम वाहनों के मालिकों से पता लगाने की कोशिश करोगे तो आपको पता लग जायेगा।

यह सब बातें सुनने के बाद प्रार्थी को ध्यान आया कि कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स देहरादून द्वारा भी इन फर्जी इंश्योरेंस करने वालों के बारे में प्रेस नोट जारी किया था तथा मीडिया में यह ख़बर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी और इस संबंध में एसटीएफ़ ने कुछ लोगों की गिरफ्तारियां भी की थी।

उत्तराखंड STF प्रेस नोट-


यह कि स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड द्वारा अपने प्रेस नोट में अंकित किया गया है कि विगत कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि देहरादून में चार पहिया व कमर्शियल वाहन के बीमा वास्तविक कीमत से बहुत ही कम रेट पर हो रहे है और जिसको आनॅलाईन आर0टी0ओ0 की वेबसाईट या किसी भी पोर्टल पर चैक करने पर वह बीमा सही (वैलिड )प्रदर्षित होता है।
यह कि इस सम्बन्ध में एस0टी0एफ0 द्वारा आर0टी0ओ0 कार्यालय के बाहर से चार दलालों को गिरफ़्तार भी किया गया।

ठगी करने वाले व्यक्त्यिों द्वारा उपरोक्त प्रकार की एजेन्सियों का एजेन्ट बनकर अपना रजिस्ट्रेशन नम्बर के माध्यम से बीमा करते है। बीमा कराने के दौरान चार पहिया वाहन का नम्बर वास्तविक दिया जाता है परन्तु पेमेन्ट की कैलकुलेशन के समय दो पहिया वाहन का चयन कर उसका बीमा दो पहिया वाहन का किया जाता है। जिसका डाटा बीमा कराने वाली कम्पनी के डाटाबेस में चार पहिया का अकिंत होता है परन्तु पेमेन्ट दो पहिया वाहन का जमा होता है। जिससे बीमा के समय दी जाने वाली जीएसटी 18 प्रतिशत जहॅा चार पहिया वाहन की 20,000 पर दी जानी थी वहीं दो पहियां वाहन की मात्र 500 रूपये की जमा होती है। उपरोक्त विवरण आरटीओ की वेबसाईट पर मात्र बीमा होना प्रदर्षित करता है अभियुक्तो द्वारा उसका प्रिन्ट निकाल कर लैपटाप में फोटोशॉप के माध्यम से एडिट करके चार पहिया वाहन व धनराशि को बढा देता है तथा जिसको वह अपने कस्टमर को देता है। वाहन स्वामी के द्वारा आरटीओ में चैक कराने पर वाहन का रजिस्ट्रेषन नम्बर और केवल इन्ष्योरेन्स की वैलिडिटी तिथि प्रदर्षित होती है जिससे ग्राहक को वह असली लगता है।

प्रभारी एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा मामले की संवेदनशीलता व देश भर में इस प्रकार की ठगी की संभावना व बड़े पैमाने पर राजस्व चोरी(GST) को देखते हुए परिवहन व सेल्स टैक्स विभाग को उचित माध्यम से पत्राचार भी किया गया है ।
इस संवाददाता द्वारा इंश्योरेंस कंपनी से जानकारी प्राप्त की गयी तो पता लगा कि विक्रम थ्री व्हीलर वाहन का फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस का प्रीमियम लगभग ₹ 21,000/- है तथा थर्ड पार्टी प्रीमियम लगभग ₹ 19000/ का है। तथा यही बीमा ठग लोग रु 2500/- 3000/- (रु ढाई से तीन हज़ार) में कर रहे हैं।

अत्यंत ही गंभीर प्रकरण में एक समान दाता द्वारा मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन निवेदन किया गया कि यह बहुत ही गंभीर प्रकरण है क्योंकि देहरादून में कमर्शियल विक्रम थ्री-व्हीलर वाहनों का अवैध फर्जी बीमा किया जा रहा हैं, जिस कारण सरकार को तो नुकसान पहुंचाया ही जा रहा हैं और साथ ही आमजनता से भी बहुत ही बड़ा धोखा किया जा रहा हैं तथा फर्जी बीमा वाले वाहन से कोई भी दुर्घटना होती है तो पीड़ित या मृतक के परिजनों को इंश्योरेंस की धनराशि भी नहीं मिल सकती क्योंकि वाहन का बीमा फर्जी है, तथा इस प्रकरण में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स देहरादून द्वारा परिवहन व सेल्स टैक्स विभाग से पत्राचार भी किया गया है। जिस कारण यह समस्त प्रकरण उत्तराखंड परिवहन विभाग तथा उत्तराखंड सेल्स टैक्स विभाग की जानकारी में है, इसलिए व्यापक जनहित में तथा सरकार हित में उच्चस्तरीय जांच के आदेश कर परिवहन विभाग सेल्स टैक्स विभाग से रिपोर्ट तलब कर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जनहित याचिका पर सुनवाई की गई तथा आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा जनहित में आदेश पारित कर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) देहरादून को निर्देशित किया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत में कहा गया है कि देहरादून में कमर्शियल थ्री व्हीलर विक्रम वाहनों का अवैध फर्जी बीमा कर सरकार को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और साथ ही यह आमजनता से भी बहुत ही बड़ा धोखा है, क्योंकि फर्जी बीमा वाले वाहन से कोई भी दुर्घटना होने के कारण पीड़ित या मृतक के परिजनों को इंश्योरेंस की धनराशि भी नहीं मिल सकती क्योंकि वाहन का बीमा फर्जी है। इस सम्बन्ध में 04 सप्ताह के अंदर आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जाये।