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पहलगाम आतंकी हमले में शामिल 5 आतंकियों की पहचान हुई; हमले में शामिल थे तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीरी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को अंजाम देने वाले पांच आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है, जिसमें तीन पाकिस्तानी नागरिक और दो जम्मू-कश्मीर के निवासी शामिल हैं।अधिकारियों ने इस क्षेत्र में करीब दो दशकों में हुए सबसे भीषण आतंकी हमले  के साजिशकर्ताओं को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

5 आतंकियों में तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीरी शामिल

जांच एजेंसियों ने तीन पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की है- आसिफ फौजी (कोड नाम मूसा), सुलेमान शाह (कोड नाम यूनुस) और अबू तल्हा (कोड नाम आसिफ), घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने बताया। घाटी के दो अन्य आतंकियों- आदिल गुरी, अनंतनाग के बिजबेहरा का रहने वाला एक स्थानीय निवासी जो 2018 में पाकिस्तान गया था और अहसान, पुलवामा का रहने वाला जो 2018 में पाकिस्तान गया था, की भी पहचान कर ली गई है।जांचकर्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान में वर्षों का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे फौजी और शाह कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे थे और पुंछ सहित पिछले हमलों में भी शामिल थे। जीवित बचे लोगों की गवाही के आधार पर केंद्रीय एजेंसियों की प्रारंभिक जांच के अनुसार, पहलगाम के बैसरन मैदानी इलाके में मंगलवार को हुए हमले में शामिल आतंकवादियों (Pahalgam Terror Attack News) ने नागरिकों, विशेषकर पुरुषों से इस्लामी नमाज पढ़कर या खतना जैसे शारीरिक निशान दिखाकर अपना धर्म साबित करने के लिए कहा था।

पुलिस ने जारी किए तीन संदिग्धों के स्केच जारी

जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने पहले ही तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं और उनके बारे में जानकारी देने पर 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। हमलावरों (Pahalgam Terror Attack Latest Update) में से एक की पहचान केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने मूसा ‘एक कोड नाम’ के रूप में की है, जिसके बारे में ऊपर उद्धृत अधिकारी ने कहा, सबसे अधिक संभावना है कि वह मई 2024 में पुंछ में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के काफिले पर हमले में भी शामिल था।

 

बैसरन मैदानी इलाके में किसी भी प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरा नहीं है, संदेह है कि हमलावर हमले के बाद पीर पंजाल की ऊंची पहाड़ियों की ओर भाग गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम महानिरीक्षक विजय सखारे के नेतृत्व में विस्तृत जांच के लिए श्रीनगर में तैनात है। अधिकारियों ने कहा कि संघीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने पहले ही जांच का जिम्मा संभाल लिया है और जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इसमें मदद कर रही है।

अधिकारियों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के एक सहयोगी सैफुल्लाह कसूरी की भूमिका की जांच की जा रही है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कसूरी को इस साल 2 फरवरी को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि ‘कश्मीर 2 फरवरी, 2026 तक ‘पवित्र भूमि’ बन जाएगा’ और ‘आने वाले दिनों में मुजाहिद्दीन अपने हमले तेज कर देंगे और कश्मीर को आजाद करा लिया जाएगा।’

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