uttarkhand

कुट्टू के आटे से बने व्यंजन खाने से 14 की हालत बिगड़ी अस्पताल में भर्ती

देहरादून। कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी और पराठे खाने से सोमवार को 14 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। सभी को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने लक्सर में बंसल ट्रेडर्स से कुट्टू के आटे का सैंपल लिया है।सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। पूछताछ में पता चला है कि यह आटा अंबिका ट्रेडिंग कंपनी सहारनपुर से आया है। प्रशासन ने आटे की बिक्री पर रोक लगा दी है।

कुट्टू के आटे का व्यंजन खाने से 14 लोग बीमार

लक्सर कोतवाली क्षेत्र के निरंजनपुर गांव निवासी वैभव (18), वृंदा (14), शालू (26), उषा रानी (48), सरोज (45), ऋतिक (21), रिया (18), जेली (17), सुनील (48) व कान्हवाली गांव निवासी ज्योति (26), राजीव (27) और खेड़ी कला गांव निवासी वैष्णवी (16), अनिकेत (12), वंशिका (14) ने व्रत के दौरान रविवार रात कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी और पराठे खा लिए।

पेट दर्द और दस्त की हुई शिकायत

जिसके बाद रात में उनकी तबीयत बिगड़ गई। सभी को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद लक्सर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एसडीएम सौरभ असवाल ने भी अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों की स्थिति में सुधार हो रहा है।

प्रशासन ने सैंपल को जांच के लिए भेजा

लक्सर के उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल ने बताया कि लक्सर में बंसल ट्रेडर्स के वहां से चार सैंपल लिए गए हैं। बंसल ट्रेडर्स के यहां कुट्टू के आटे की सप्लाई की जांच से पता चला की यह आटा अंबिका ट्रेडिंग कंपनी सहारनपुर से आया है। आटे की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके अलावा लक्सर के ग्रामीण क्षेत्र से भी सैंपल लिए जा रहे हैं।

दूषित कुट्टू के आटे पर रोक लगाने में विभाग नाकाम

हरिद्वार: महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर खाद्य संरक्षा विभाग की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही की मांग की। उन्होंने कहा कि हर साल दूषित कुट्टू के आटे से बने व्यंजन खाने से तबीयत बिगड़ती है। परंतु विभाग जिम्मेदारी से कार्रवाई नहीं करता।

कुछ लालची उत्पादनकर्ता और विक्रेता बिना जांच के दूषित आटा बेच रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के निलंबन और दोषी विक्रेताओं पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि मुख्य सचिव को सभी जिलाधिकारियों को तत्काल आदेश जारी करने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *