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लोक सूचना अधिकारी पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)लोकजीत सिंह ने जानबूझकर कोरोना संबधी नियमोँ की सूचना उपलब्ध करवाने में पहुँचाई बाधा या नहीं हैं सूचना के अधिकार नियमों की जानकारी

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी 

सम्पूर्ण मामला यह हैं कि लोक सूचना अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय देहरादून से जनहित में वर्तमान में चल रहे कोरोना काल से संबंधित सोशल डिस्टेंस तथा मास्क की अनिवार्यता एवं उल्लंघन से निम्नलिखित बिंदुओं की सूचना मांगी गई:-


1- यह कि सोशल डिस्टेंस में कितनी दूरी होनी चाहिए प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
2- यह कि बिंदु संख्या 1 के अनुसार सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने या करवाने वालों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही की सूचना विभागीय प्रमाण सहित उपलब्ध करवाए ।
3- यह कि शिकायतकर्ता द्वारा सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने वाले या करवाने वालों के विरुद्ध शिकायत देने के पश्चात जितने समय में पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
4- यह कि मास्क पहनने संबंधी अनिवार्यता की सूचना प्रमाण सहित उपलब्ध करवाए ।
5- यह कि बिंदु संख्या 4 के अनुसार मास्क पहनने का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही की सूचना विभागीय प्रमाण सहित उपलब्ध करवाए ।
6- यह कि शिकायतकर्ता द्वारा मास्क पहनने का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध शिकायत देने के पश्चात जितने समय में पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
उपरोक्त सूचनायें उपलब्ध करवाने के बजाय लोक सूचना अधिकारी पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)लोकजीत सिंह द्वारा जानबूझकर सूचना उपलब्ध करवाने में बाधा पहुँचाई गयी या इनको सूचना के अधिकार नियमों की बिल्कुल भी जानकारी नहीं हैं क्योंकि बिंदु संख्या 1 की सूचना यह मांगी गई थी कि सोशल डिस्टेंस में कितनी दूरी होनी चाहिए प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाएं परंतु इनके द्वारा उत्तर दिया गया कि

सूचना प्रश्नवाचक है जो सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ग्राहय नहीं है तथा बिंदु संख्या 2 व 3 जिनमें सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही तथा सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने वाले या करवाने वालों के विरुद्ध शिकायत देने के पश्चात जितने समय में पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है प्रमाण सहित सूचना मांगी गई परंतु सूचना उपलब्ध करवाने के बजाय उत्तर दिया गया कि मांगी गई सूचना का संबंध जनपद देहरादून के विभिन्न थानों उत्तराखंड शासन से संबंधित है जिस के संबंध में अवगत कराना है कि उत्तराखंड सूचना का अधिकार अधिनियम नियमावली 2005 की धारा 5 (ग) में उल्लेखित किया गया हैं कि लोक सूचना अधिकारियों की संख्या दो या दो से अधिक होती है तो अनुरोध पत्र अंतरित नहीं किया जाएगा अपितु अपने से संबंधित लोक प्राधिकारी की अभिरक्षा या नियंत्रण की सूचना उपलब्ध कराने की कार्यवाही करते हुए अनुरोधकर्ता सूचनाओं के लिए अपने स्तर से संबंधित लोक सूचना अधिकारियों को पृथक से आवेदन कर सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं जबकि बिंदु संख्या 2 व 3 कि अपने से संबंधित सूचना लोक सूचना अधिकारी लोकजीत सिंह को उपलब्ध करवानी चाहिए थी क्योंकि क्या एसएसपी कार्यालय को सोशल डिस्टेंस से संबंधित नियमो कार्यवाही की जानकारी नही हैं क्या और अगर स्वयं सूचना नही देनी है तो सूचना के अधिकार नियमों के अंतर्गत कम से कम 2 थानों में सूचना के अनुरोध पत्र को अंतरित किया जाना चाहिए था जो इनके द्वारा नहीं किया गया बल्कि सूचना उपलब्ध करवाने में स्पष्ट रूप से बाधा उत्पन्न की गई ।


उदाहरण हेतु कुछ दिन पूर्व पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड से सूचनाएं मांगी गई थी पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड द्वारा सूचना के अधिकार का सही तरीके से पालन करते हुए अपने से संबंधित बिंदु की सूचनाओं को अनुरोधकर्ता को उपलब्ध करवाने हेतु रोककर बाकी की सूचनाओं हेतु जिला देहरादून तथा जिला हरिद्वार को सूचना पत्र अंतरण कर दिया क्योंकि सूचना पत्र अगर अनेकों लोक सूचना अधिकारियों से संबंधित है तो जिस लोक सूचना अधिकारी से सूचना मांगी गई है वह अपने से संबंधित तथा कम से कम दो और लोक सूचना अधिकारियों को सूचना पत्र अंतरित अवश्य करेगा उदाहरण हेतु पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड का पत्र संलग्न है ।
साथ ही लोक सूचना अधिकारी पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह तो शायद बिंदु संख्या 4 5 एवं 6 की सूचनाओं को तो बिल्कुल भूल ही गए क्योंकि स्पष्ट रूप से सूचना के अधिकार में बाधा पहुंचाते हुए इन बिंदुओं की ना तो सूचना उपलब्ध कराई ना ही अपने उत्तर पत्र में इन सूचनाओं का कोई जिक्र किया गया हैं ।
आखिर सवाल यह है कि आमजनता से जुड़ी इन जनहित की सूचनाओं को उपलब्ध करवाने में आखिर बाधा क्यों पैदा की गई सूचनार्थी द्वारा इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग उत्तराखंड में की जा रही है।
विशेष उपरोक्त विषय से संबंधित सूचनाएं लोक सूचना अधिकारी डीआईजी कार्यालय देहरादून तथा लोक सूचना अधिकारी थाना नेहरू कॉलोनी से भी मांगी गई है उनके द्वारा जो भी उत्तर प्राप्त हुए हैं उससे संबंध में आपके प्रिय पोर्टल the chaukidar द्वारा जल्द ही खुलासा किया जाएगा