हरिद्वार। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां रामभक्तों की भीड़ उमड़ने से विश्व हिंदू परिषद को अपनी विशेष अयोध्या यात्रा स्थगित करनी पड़ी है। यात्रा के तहत विहिप की 25 जनवरी से 22 फरवरी तक हर राज्य से विशेष ट्रेन के जरिये रामभक्तों को अपने खर्चे पर अयोध्या ले जाने की योजना थी।
इधर, यात्रा के स्थगित होने से रामभक्त मायूस हैं। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने गत 25 दिसंबर को हरिद्वार में इस योजना की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि धर्म की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष सदैव से होता आया है। कभी-कभी सृजन के लिए यह आवश्यक भी होता है।
उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा किया संघर्ष
श्रीराम जन्मभूमि के लिए 76 बार विकट संघर्ष हुआ, इस संघर्ष में हर भाषा, वर्ग, समुदाय व संप्रदाय के लोगों ने सहभागिता निभाई। 25 पीढ़ियों के बलिदान, त्याग और समर्पण के प्रतिफल स्वरूप प्राप्त श्रीराम मंदिर की साक्षी वर्तमान पीढ़ी है। आंदोलन को समर्पित इन्हीं रामभक्तों की वर्तमान पीढ़ी को विहिप सपरिवार अपने खर्च पर अयोध्या ले जा रही थी। सभी तैयारियां पूरी हो गईं थीं।
यात्रा की गई स्थगित
अयोध्या जाने वाले रामभक्तों से इसके लिए एक-एक हजार का पंजीकरण भी करा लिया गया था। ट्रेन को दोपहर बाद देहरादून से चलकर तीन बजे हरिद्वार पहुंचना था। लेकिन, बुधवार शाम विहिप की ओर से जानकारी दी गई कि अयोध्या में बदली परिस्थितियों के कारण यात्रा को स्थगित करना पड़ा। इससे अयोध्या दर्शन को जाने के लिए तैयार रामभक्त मायूस हैं। हालांकि, इस बात का संतोष है कि अयोध्या में स्थिति सामान्य होने पर उन्हें विहिप की ओर से यात्रा और राममंदिर दर्शन का लाभ अवश्य मिलेगा।