रानीखेत। उत्तराखंड की सबसे बड़े रानीखेत कैंट के साथ ही रक्षा मंत्रालय ने देशभर में सभी 56 छावनियों के वैरी बोर्ड का कार्यकाल एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। यानी छावनी परिषदों के चुनाव इस बार भी टल गए हैं।
नागरिक हितों में निर्णय, समस्याओं की सुनवाई व समाधान तथा विकास कार्य संबंधी प्रस्तावों का निस्तारण तीन सदस्यीय वैरी बोर्ड ही करेगी। इसके तहत नागरिकों के प्रतिनिधित्व को पूर्व में नामित सदस्यों का कार्यकाल भी स्वत: ही बढ़ गया है। रानीखेत कैंट के वैरी बोर्ड में मोहन नेगी को नागरिकों की अगुआई का यह चौथा अवसर मिला है।
दरअसल, फरवरी 2021 में उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड समेत देशभर के 56 छावनी परिषदों के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। तब रक्षा मंत्रालय ने व्यवस्था दी कि जब तक नए बोर्ड के गठन को उपाध्यक्ष समेत वार्ड सदस्यों का चुनाव नहीं हो जाता कैंट की कमान वैरी बाेर्ड के हाथ में ही रहेगी। इधर चुनाव न होने के कारण वैरी बोर्ड का कार्यकाल समय समय पर बढ़ाया जाता आ रहा है। इस बार भी 10 फरवरी को बोर्ड का कार्यकाल पूरा होना था।
इधर संयुक्त सचिव रक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) राकेश मित्तल की ओर से बीते 31 दिसंबर को जारी गजट नोटिफिकेशन रानीखेत कैंट बोर्ड को भी मिल गया है। इसके तहत सभी 56 कैंट के वैरी बोर्ड का कार्यकाल एक वर्ष और बढ़ाया जा रहा है।
यह है वैरी बोर्ड का ढांचा
छावनियों के वैरी बोर्ड में संबंधित सैन्य कमांडेंट, मुख्य अधिशासी अधिकारी व नागरिकों की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए एक सिविल सदस्य नामित किया जाता है। रानीखेत कैंट के वैरी बोर्ड में केआरसी कमांडेंट संजय कुमार यादव अध्यक्ष, सीइओ कुणाल रोहिला व मोहन नेगी नामित सदस्य के रूप में बैठेंगे।
नागरिक बोले- समस्याओं के निदान की उम्मी
पूर्व उपाध्यक्ष कैंट के वैरी बोर्ड में मोहन नेगी का कार्यकाल फिर बढ़ाए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश सिंह रौतेला, दीप भगत, धन सिंह रावत, खजान पांडे, विमला रावत, राजेंद्र मेहरा, हरीश लाल साह, मुकेश फत्र्याल, जगदीश अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, उमेश पाठक, संजय पंत, गुड्डू भगत, माेहित नेगी आदि ने उम्मीद जताई है कि नागरिकों की समस्याओं का निदान करेंगे।