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देहरादून में सड़कों के किनारे अवैध रूप से पार्क किए जाने वाले ट्रक और कंटेनर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे’, रात के समय दुर्घटना का अधिक खतरा

देहरादून। दून में राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों के किनारे अवैध रूप से पार्क किए जाने वाले ट्रक व कंटेनर दूसरे वाहन चालकों के लिए ‘यमदूत’ बन रहे हैं। इन ट्रक-कंटेनर में भिड़ने से अक्सर किसी न किसी वाहन सवार की जान चली जाती है।अक्टूबर-2023 में ऐसी ही एक दुर्घटना में सेंट्रियो माल के बाहर खड़े कंटेनर में कार घुसने से सेना के कैप्टन की जान चली गई थी और अब विकासनगर में पंजाब निवासी युवक की मौत हो गई।

अक्सर हो रही ऐसी दुर्घटनाओं के बावजूद पुलिस, प्रशासन व परिवहन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे, जबकि रात के समय ऐसे वाहनों के कारण दुर्घटना का खतरा कई गुना अधिक रहता है।

हर राजमार्ग पर जगह-जगह बाजार सजे

दून-हरिद्वार-मुरादाबाद राजमार्ग की बात करें या दून-सहारनपुर-दिल्ली व दून-हरबर्टपुर-पांवटा राजमार्ग की। हर राजमार्ग पर जगह-जगह बाजार सजे हैं। कहीं राजमार्ग किनारे ट्रकों की मरम्मत होती है तो कहीं होटलों के बाहर ट्रक व कंटेनर खड़े रहते हैं। इन्हीं ट्रक व कंटेनर के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।

पुलिस-प्रशासन की ओर से समय-समय पर सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर करोड़ों रुपये खर्च जरूर किए जाते हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा के नियम-कायदे धरातल पर कहीं भी देखने को नहीं मिलते।

लोगों का कहना है कि गोष्ठियों और सेमिनारों में तो वाहन चालकों को नियमों का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन राजमार्ग पर ट्रक व कंटेनर चालकों को समझाने वाला कोई नहीं है। 24 घंटे राजमार्ग व प्रमुख सड़कों के दोनों ओर ट्रकों व अन्य भारी वाहनों का मेला लगा रहता है।

रात में अक्सर चालक अपने वाहन सड़क किनारे बेतरतीब खड़ा कर देते हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। पीछे से आने वाले तेज रफ्तार वाहन खड़े वाहन में टकरा जा रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन लापरवाह ट्रक व कंटेनर चालकों पर लगाम नहीं लग सकी।

कहने को तो संबंधित थानों के सिपाहियों को रात-दिन राजमार्गों पर गश्त करने के निर्देश हैं, लेकिन वह कभी-कभार ही दिखाई देते हैं। दुर्घटनाएं अक्सर ढाबों या गोदाम के आसपास होती हैं, जहां दिन-रात बेतरतीब तरीके से ट्रक व कंटेनर खड़े करते हैं। खड़े वाहनों में न तो पार्किंग लाइट जलाई जाती है और न रेडियम संकेत ही होते हैं।

दून में यहां सर्वाधिक खतरा

सबसे ज्यादा बड़े वाहन ढाबों के बाहर खड़े नजर आते हैं। नियमित चेकिंग और चालान न होने की वजह से यहां दिन-रात वाहन एक के पीछे एक खड़े रहते हैं। इससे हर वक्त दुर्घटना का खतरा बना रहता है।दून में हरिद्वार बाईपास, सेलाकुई, रामपुर, आशारोड़ी व ट्रांसपोर्टनगर के बाहर सर्वाधिक खतरा रहता है। यहां ढाबों के सामने 24 घंटे ट्रक-कंटेनर खड़े रहने से ऐसा प्रतीत होता है, मानो इन्हें पार्किंग की सुविधा मिली हुई हो।

दून में लगातार हो रहीं दुर्घटनाएं

  • 14 दिसंबर-2024 को दून-पांवटा राजमार्ग पर सुद्धोवाला में सड़क किनारे खड़े ट्रक में बाइक टकरा जाने से उत्तरांचल विवि के एक छात्र की मौत हो गई थी, जबकि दूसरा छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था।
  • इससे पूर्व 11 अक्टूबर-2023 को सेंट्रियो माल के बाहर खड़े कंटेनर से टकराई कार में सेना के कैप्टन की मौत हो गई थी।
  • 12 अक्टूबर-2021 को सेलाकुई में खनन सामग्री से लदे डंपर के देर रात खड़े कंटेनर में टकराने से दो छात्रों की मौत हो गई थी, जबकि चार लोग घायल हो गए थे।
  • इनसे भी भयावह दुर्घटना 12 नवंबर-2024 को देर रात ओएनजीसी चौक पर हुई थी, जिसमें कंटेनर से टकराने से इनोवा सवार छह युवक-युवतियों की मौत हुई थी।

बाहर निकले रहते हैं सरिया

कई बार ट्रकों या भार ढोने वाले अन्य वाहनों में क्षमता से अधिक माल भरा होता है। मुख्यत: लोहे के सरिया, गार्डर आदि जो वाहनों से बाहर निकले रहते हैं। इस तरह के वाहन भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। पीछे से आ रहे वाहन के इन सरियों या लोहे के गार्डर से टकराने का खतरा बना रहता है। इसलिए पुलिस व परिवहन विभाग को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन दोनों ही विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं।