— विवि के विधि विभाग से पास आउट छात्र ने बार काउंसिल आफ इंडिया में मान्यता ने होने का लगाया आरोप
— दिल्ली हाईकोर्ट में की याचिका दायर
— विवि के अधिकारी परिसर व विवि प्रशासन को बता रहे जिम्मेदार
संवाद सहयोगी, पौड़ी: गढ़वाल विवि एक बार फिर विवादों में है। इस बार विवि के स्कूल ऑफ लॉ की मान्यत पर सवाल उठे हैं। विवि के पौड़ी परिसर से पास आउट लॉ के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि गढ़वाल विवि के स्कूल ऑफ लॉ को बार कांउसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं है। जिससे बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने उनका पंजीकरण करने से इंकार कर दिया। उक्त छात्र ने इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं विवि के अधिकारी इस संबंध में कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं।
गढ़वाल विवि के पौड़ी व टिहरी परिसर में स्कूल ऑफ लॉ के तहत एलएलबी, एलएलएम व शोध विषय संचालित किए जाते हैं। लेकिन अब विभाग के ही एक छात्र ले स्कूल ऑफ लॉ की मान्यता पर सवाल उठाए हैं। वर्ष 2018 में पौड़ी परिसर से एलएलबी उत्तीर्ण छात्र युगांत परिहार ने बताया कि विवि से पास आउट होने के बाद जब वह बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में पंजीकरण के लिए गया तो काउंसिल ने पंजीकरण से इंकार कर दिया। कारण पूछने पर बार काउंसिल दिल्ली ने उसे बताया कि गढ़वाल विवि का स्कूल ऑफ लॉ बार काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकृत नहीं है। युगांत परिहार ने बताया कि जब उसने इस संबंध में बार कांउसिंल ऑफ इडिंया से जानकारी ली तो पता चला कि गढ़वाल विवि ने वर्ष 2010 के बाद मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है। युगांत ने इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पूर्व विवि प्रतिनिधि व
एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र मोहित सिंह ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। कहा कि मामले का विवि की ओर से जल्द सकारात्मक
संज्ञान नहीं लिया जाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बार काउंसिल में मान्यता व पंजीकरण संबंधी कार्य विवि प्रशासन स्तर पर किया जाता है। यह कार्य परिसर स्तर का नहीं है।
प्रो. आरएस नेगी, निदेशक, पौड़ी परिसर गढ़वाल विवि।
स्कूल ऑफ लॉ की बार काउंसिल ऑफ इडियां में मान्यता संबंधी प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है।
डा. एके झा, कुलसचिव, गढ़वाल विवि।
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