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ख़ुलासा:चीन द्वारा ही वर्षों पूर्व मानव जाति के विरुध्द इस्तेमाल हेतु विकसित किया गया था कोरोना वायरस वुहान 400

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

कोरोना वायरस का असल नाम वुहान 400 हैं चीन ने इसे मानव जाति के विरुध्द बायोलॉजिकल हथियार के रूप में इस्तेमाल करने हेतु काफी वर्षों पूर्व ही कर लिया था विकसित।
दरअसल इसका ख़ुलासा हुआ हैं एक किताब जिसका नाम “THE EYES OF DARKNESS” है जो सन् 1981 को पब्लिश हुई थी है जिसके लेखक का नाम Dean Koontz है।—– जिसके पेज़ न० 353 में लिखा है कि “कोरोना वायरस” को चीन ने अपने शहर वुहान के एक लैब में सबसे छुपा कर बनाया था और चीन बाद में इसका इस्तेमाल बायोलोजिकल हथियार के रूप में अपनी गरीब लोगों की आबादी कम करने के लिए जिससे कि उसे सुपर पावर बनने में आसानी हो, अज़ीब इत्तेफाक है की कोरोना फैला भी चीन के वुहान शहर से हैं और धीरे-धीरे इस वायरस ने पुरे चीन को यहाँ तक पुरी दुनिया को अपने कब्जे में ले लिया है।और इस बुक में कोरोना वायरस का नाम “वुहान 400” के नाम पर है इस किताब में पहले ही बता दिया है कि आगे चलकर चीन इस वायरस का उपयोग करेगा जो बायोलॉजिकल हथियार के रूप में होगा..

“वुहान -400 एक अचूक हथियार है। यह केवल इंसानों को प्रभावित करता है। कोई अन्य जीवित प्राणी इसे नहीं ले जा सकता है। सिफलिस की तरह, वुहान -400 एक जीवित मानव शरीर के बाहर एक मिनट से अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता है, जिसका अर्थ है कि यह स्थायी रूप से वस्तुओं या पूरे स्थानों को एंथ्रेक्स और अन्य विषैले सूक्ष्मजीवों को दूषित नहीं कर सकता है।
और यह आज 2020 में चीन ने अमल में ले लिया है जिसे आज सारी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।