भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
नगर निगम देहरादून में कूड़ा उठान हेतु किराए पर लिए गए ट्रैक्टर ट्रॉलिया जो व्यावसायिक कार्य में लगे हैं में से अधिकतर की फ़िटनेस फर्स्ट पार्टी, टैक्स इन्श्योरेंस आदि नहीं हैं आरटीओ और पुलिस विभाग तथा नगर निगम की मिलीभगत से सड़कों पर संचालित हो रहें हैं तथा इनसे कोई जानलेवा दुर्घटना होती हैं तो उसकी भरपाई नामुमकिन हैं।
सम्पूर्ण प्रकरण यह हैं कि नगर निगम देहरादून में कूड़ा उठान हेतु किराए पर लिए गए ट्रैक्टर ट्रॉलिया जिनकी संख्या लगभग 30 से 50 हैं जो व्यावसायिक कार्य में लगे हैं में से अधिकतर की फ़िटनेस फर्स्ट पार्टी, टैक्स इन्श्योरेंस आदि नहीं हैं आरटीओ और पुलिस विभाग तथा नगर निगम की मिलीभगत से सड़कों पर संचालित हो रहें हैं और अगर इनसे कोई जानलेवा दुर्घटना होती हैं तो उसकी भरपाई नामुमकिन हैं।
नगर निगम देहरादून की निविदा के बिंदु संख्या 14 की शर्त यह है कि निविदा दरों के साथ ठेकेदार को वाहन का इंश्योरेंस पंजीकरण एवं चालक के लाइसेंस/इंश्योरेंस की छाया प्रति संलग्न करना अनिवार्य है। एक पार्षद द्वारा भी नगर निगम को अपनी शिकायत में लिखा गया हैं कि अगर 30 गाड़ियां/ट्रैक्टर ट्रॉलियां चल रही है तो उनके नंबर बताने का कष्ट करें साथ ही ट्रैक्टर ट्रालीयों की फिटनेस कमर्शियल टैक्स परमिट व इंश्योरेंस की कॉपी सार्वजनिक करने हेतु लिखा गया हैं । नगर निगम की जांच टीम द्वारा इस संबंध जाँच की गई है तथा जांच टीम जांच आख्या में स्पष्ट है कि 30 गाड़ियां/ट्रैक्टर ट्रॉलियां चल रही है परंतु जांच टीम द्वारा अपनी जाँच आख्या में सिर्फ 19 ट्रैक्टर ट्रॉलियों की इंश्योरेंस सार्वजनिक की गई हैं मामला यह है कि जब 30 ट्रैक्टर ट्रॉली संचालित हो रही हैं तो बाकी की 11 ट्रैक्टर ट्रॉली की इंश्योरेंस कहां गायब हो गई ।
साथ ही फिटनेस,कमर्शियल टैक्स एवं परमिट नगर निगम की निविदा शर्तों में सम्मिलित नहीं है, जबकि जो ट्रैक्टर ट्रॉलीयां निगम में कूड़ा उठान हेतु लगी है निविदा की शर्तों में उनका फिटनेस,कमर्शियल टैक्स तथा फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य होना चाहिए था क्योंकि ट्रैक्टर ट्रॉली वाले अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों से अपने घर का काम नहीं कर रहे बल्कि निगम से कूड़ा उठान का कार्य कर धन अर्जित कर व्यावसायिक कार्य कर रहे हैं । इसलिये जितनी भी ट्रैक्टर ट्रॉलीयां निगम में कूड़ा उठान हेतु लगी है उनकी जाँच होनी चाहिये कि परिवहन कार्यालय से इनकी फ़िटनेस हो रखी है या नही और ये कमर्शियल टैक्स की चोरी कर सरकार को नुकसान तो नही पहुंचा रहे और इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों की फर्स्ट पार्टी इश्योरेंस हैं या नही क्योंकि अगर इनसे कोई दुर्घटना होती हैं तो इसकी भरपाई कैसे होगी क्योंकि जितनी भी ट्रैक्टर ट्रॉलीयां कूड़ा उठान कर रही है उनके ऊपर कार्य करने वाले भी होते हैं और अगर ट्रैक्टर ट्रॉली से कोई भी दुर्घटना होती है और फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस नहीं है तो ट्रैक्टर ट्रॉली पर कूड़ा उठान का कार्य करने वालों को कोई नुकसान पहुंचता हैं तो उसको मुआवजा नही मिलेगा और साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली से सामने वाले को कोई नुकसान पहुंचता हैं तो उसको भी कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।
इस संवाददाता द्वारा अत्यंत ही जनहित राज्यहित से संबंधित और स्पष्ट रूप से आमजनता से जुड़े हुए मामले में उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि प्रकरण बहुत ही गंभीर है और स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से और सरकारी टैक्स की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है परंतु फिर भी यह कूड़ा उठाने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलीयां सरेआम सड़कों पर संचालित हो रहे हैं, परंतु इनकी ओर से संबंधित जिम्मेदार आरटीओ ,पुलिस विभाग और नगर निगम ने आंखें बंद कर रखी हैं, इसलिए इस समस्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और कार्यवाही हेतु परिवहन विभाग,पुलिस विभाग, तथा शहरी विकास विभाग से जांच करवाने की कृपा कर तत्काल जनहित न्यायहित में कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल इसकी सुनवाई डबल बेंच में की गई न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा तथा सदस्य राम सिंह मीना द्वारा मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम देहरादून तथा पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून को नोटिस जारी कर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की गई है।
इस संवाददाता द्वारा जनहित में मानव अधिकार के नोटिस पश्चात सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन कर फॉलोअप भी किया जाएगा की आयोग का नोटिस मिलने पश्चात जनहित राज्यहित में तत्काल क्या कार्रवाई की गई।