हरिद्वार। समान नागरिक संहिता बिल उत्तराखंड विधानसभा से पारित होना राष्ट्र नवनिर्माण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण पहल है। इससे देश के प्रति सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके माध्यम से सबसे बड़ा उपकार उनका होगा, जिनकी कई पीढ़ियां राष्ट्र निर्माण में लगी हुई हैं। महिलाओं, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं को इससे लाभ मिलेगा।
समान नागरिक संहिता बिल उत्तराखंड विधानसभा से पारित होने पर सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद, बधाई! उनके नेतृत्व में राष्ट्र और राज्य की प्रगति की यह पहल हुई। देश में उत्तराखंड राज्य ऐसा करने वाला प्रथम राज्य बना। उत्तराखंड की यह पहल राष्ट्र निर्माण की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम है। अन्य राज्यों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। यह विकसित राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह राष्ट्र के विकास और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक बड़ी पहल है। यह केवल उत्तराखंड के लिए ही नहीं, देश की और राज्यों की भी है।
-स्वामी अवधेशानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा
समान नागरिक संहिता बिल का उत्तराखंड विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित होना उत्तराखंड की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मैं बधाई देता हूं, वह साधुवाद के पात्र हैं। यह उत्तराखंड ही नहीं, देश का गौरव है। वर्तमान में देश की सभी महिलाओं, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं को इससे लाभ मिलेगा। उत्तराखंड सरकार बधाई की पात्र है, यह कानून पूरे भारत में लागू होना चाहिए। केंद्र से इसे लागू करना चाहिए।
-स्वामी कैलाशानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर, श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी
समान नागरिक संहिता बिल विधानसभा से पारित होने के बाद यह साफ हो गया कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां समान नागरिक कानून लागू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूलमंत्र सबका साथ सबका विश्वास के आधार पर यह अधिनियम राज्य के हित में है। उत्तराखंड के संतों की मांग के साथ, चुनाव में किया वायदा धामी सरकार ने पूरा किया। मैं युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट को बधाई देता हूं। इस कानून का दूरगामी परिणाम दिखाई देगा। जय हिंद, जय उत्तराखंड।