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उत्तराखंड में आसमानी आफत को लेकर चेतावनी, वर्षा के चलते भूस्खलन से बढ़ी परेशानी

देहरादून: उत्तराखंड में वर्षा व भूस्खलन से परेशानी कम नहीं हो रही हैं। प्रदेश में बारिश के चलते भूस्खलन होने व मलबा आने से मोटर मार्ग और राजमार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं। नदियां उफान पर हैं। वहीं अगर प्रदेश में आज की मौसम की बात करें तो यहां भारी वर्षा का दौर बना रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग की मानें तो आज पूरे प्रदेश में वर्षा को लेकर अलर्ट जारी है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने मौसम के तीखे रुख को देखते हुए शुक्रवार को येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं टिहरी के बगड़धार में भारी मलबा आने से गंगोत्री राजमार्ग तीन दिन से अवरुद्ध है। वर्षा के कारण राजमार्ग को खोलने में मुश्किलें बनी हैं। चमोली में बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर खतरनाक बना हुआ है। यमुनोत्री हाईवे में भी नए भूस्खलन जोन उभर आए हैं। पिथौरागढ़ में तवाघाट हाईवे धारचूला में बाधित है। इसके कारण नेपाल और चीन सीमा से लगे 60 से अधिक गांवों का संपर्क कटा है।

चंपावत जिले में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद अलर्ट घोषित करते हुए भारत-नेपाल के जोड़ने वाले पुल पर चौपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई।

नजीबाबाद-बुआखाल राजमार्ग चट्टानों के आने से बाधित

कोटद्वार में 22 अगस्त की सुबह करीब सात बजे बंद हुआ नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग 60 घंटे बाद भी यातायात के लिए नहीं खुल पाया है। राजमार्ग पर आई बड़ी चट्टानों को तोड़ने के लिए सौ से अधिक ब्लास्ट किए जा चुके हैं। लेकिन, चट्टानों के आगे विभागीय संसाधन भी बेकार साबित हो रहे हैं।

आठ अगस्त व 13 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति काफी बिगड़ गई थी। राजमार्ग विभाग ने किसी तरह राजमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला। लेकिन, बीते मंगलवार की सुबह हुई अतिवृष्टि ने एक बार फिर राजमार्ग को बाधित कर दिया।