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आवश्यक सेवाओं को छोड़कर उत्तराखंड में 31 मार्च तक लॉक डाउन

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

कोरोना वायरस से आई आपदा के कारण उत्तराखंड में 31मार्च तक सरकार द्वारा लॉकडाउन कर दिया गया है। मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि है कोरोना वायरस के खिलाफ आज केे राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पूरे राज्य में 31 मार्च तक इस कर्फ्यू को बढ़ा दिया जाएगा।

समस्त भारत में कोरोना वायरस से प्रभावित 75 जिलों को लॉकडाउन किया गया है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने यह साफ किया कि रोजाना की आवश्यक वस्तुएं जैसे कि अनाज सब्जी दूध तथा दवाईयाँ आदि आमजनता के लिए उपलब्ध रहेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं को आमजनता तक पहुंचाया जाएगा। दवाओं, खाद्य पदार्थों या किसी अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। लोगों को घबराना नहीं चाहिए।
लॉकडाउन का क्या है मतलब
किसी शहर को लॉकडाउन करने का मतलब होता है कि इस दौरान कोई भी शख्स घर से बाहर नहीं निकल सकता है। हालांकि, इसके अपवाद भी हैं। मसलन, दवा, बैंक, अस्पताल और राशन-पानी की जरूरत के लिए घर से बाहर निकलने की छूट मिलती है। लॉकडाउन एक तरह से आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी शहर या इलाके में लॉकडाउन की घोषणा होती है तो वहां के लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नहीं होती है। लॉकडाउन की स्थिति में किसी भी शख्स को जीवन जीने के लिए बुनियादी और आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की इजाजत होती है। लॉकडाउन में अगर किसी को राशन, दवा-पानी, सब्जी की जरूरत है तो वह बाहर जा सकता है या फिर बैंक-अस्पताल के काम के लिए अनुमति मिलने पर जा सकता है।