नई दिल्ली। 16 दिसंबर की सुबह मनोरंजन जगत और म्यूजिक इंडस्ट्री दोनों के लिए बेहद दुखद है। तबला वादक जाकिर हुसैन का सैन फ्रैंसिको के एक अस्पताल में निधन हो गया है, उनके परिवार ने सोमवार को इस खबर की पुष्टी की है।
हुसैन का निधन उनके परिवार के अनुसार, 73 साल के महान तबला वादक का निधन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण होने वाली परेशानियों के चलते हुआ है। बताया जा रहा है कि वह पिछले दो हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे और बाद में उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में छाए दुख के बादल
जाकिर हुसैन की मौते से मनोरंजन जगत में भी मातम पसर गया है। करीना कपूर, रणवीर सिंह, रितेश देशमुख और भूमि पेडनेकर समेत कई मशहूर हस्तियों ने दिवंगत तबला वादक को श्रद्धांजलि देत हुए उनको याद किया है।करीना कपूर ने इस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी शेयर करते हुए एक पुरानी फोटो शेयर की है जिसमें वो जाकिर और पिता और अभिनेता रणधीर कपूर नजर आ रहे हैं। इस फोटो के कैप्शन में लिखा, ‘मेस्ट्रो फॉरएवर (लाल दिल वाले इमोजी)।’ वहीं रणवीर सिंह ने इंस्टाग्राम पर जाकिर की तबला बजाते हुए एक पुरानी फोटो पोस्ट की है।
रितेश देशमुख और भूमी पेडनेकर ने लिखा इमोशनल नोट
रितेश देशमुख ने एक्स अकाउंट पर जाकिर की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने लिखा, ‘जाकिर हुसैन साहब की अपूरणीय क्षति भारत और वैश्विक संगीत उद्योग के लिए बड़ा झटका है। सर, आपका संगीत एक तोहफा था, एक खजाना जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित और उत्थान करता रहेगा। आपकी विरासत हमेशा अमर रहेगी। आपकी आत्मा को शांति मिले, महान जाकिर हुसैन साहब के परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदनाएं।’
भूमि पेडनेकर ने भी इंस्टाग्राम पर जाकिर की एक पुरानी तस्वीर शेयर की। उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया, ‘उस्ताद। उनकी धुन हमारे दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी। टीवी और फिल्मों में काम कर चुकीं श्वेता तिवारी ने भी स्टोरी शेयर करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जाकिर हुसैन के बारे में…
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई के माहिम में प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लारखा के घर हुआ था। शुरू से ही उनकी झुकाव तबला बजाने की ओर था। उन्होंने 3 साल की उम्र में अपने पिता से मृदंग (शास्त्रीय ताल वाद्य) बजाना भी सीख लिया था।
भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक तालवादक जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।