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उत्तराखंड STF ने अवैध कॉल सेन्टर संचालित करने वाले गिरोह के एक सदस्य को बल्लीवाला चौक देहरादून से किया गिरफ्तार

भूपेन्द्र लक्ष्मी 

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स देहरादून
अवैध कॉल सेन्टर संचालित करने वाले गिरोह के 01 और सदस्य की हुयी गिरफ्तारी
विगत माह देहरादून से संचालित हो रहे 02 अवैध अन्तराष्ट्रीय कॉल सैन्टरो पर की गयी थी छापेमारी

मुख्यमंत्री उत्तराखंड के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियो द्वारा जनता से ठगने वालो पर सख्त कार्यवाही पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिए गए है ।
वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है । इसी परिपेक्ष्य में साइबर अपराधों द्वारा फर्जी कॉल सेन्टर के माध्यम से लोगो से ठगी की सूचना एसटीएफ को प्राप्त हो रही थी। जिस क्रम में दिनांक 27/07/2022 को एसटीएफ एवं साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की पुलिस टीम द्वारा बसन्त विहार देहरादून से संचालित हो रहे एक अन्तराष्ट्रीय कॉल सेन्टर पर छापा मारा गया, जिसमें 26 मोबाइल फोन, 02 लैपटॉप, चार्जर, डेबिट कार्ड, रजिस्टर आदि बरामद किये गये थे। प्रकरण के सम्बन्ध में साइबर थाने पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। इस अभियोग पूर्व में 03 अभियुक्तो को मौके से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है तथा अन्य संदिग्ध तथा फरार अभियुक्तो के विरुद्ध साक्ष्य संकलन की कार्यवाही जारी है ।

इसी क्रम में आज दिनांक 24-08-2022 को पुलिस टीम द्वारा उक्त फर्जी काल सेन्टर में वांछित अभियुक्त सोहित शर्मा को बल्ली वालाचौक के पास से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा गया है, अभियुक्त से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुयी है, जिसके सम्बन्ध में विवेचना प्रचलित है ।

गिरफ्तार अभियुक्त- सोहित शर्मा पुत्र स्व0 गुण प्रकाश शर्मा, उम्र-29 वर्ष निवासी मौ0 बाड़वान धामपुर जिला बिजनौर उ0प्र0 ।

पुलिस टीम-
1- निरीक्षक विकास भारद्वाज
2 का0 नितिन रमोला
3- का0 सोहन बड़ोनी
4- Technical Team/ एसटीएफ

प्रभारी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड अजय सिंह द्वारा आश्वासन दिया गया है कि एसटीएफ लगातार इस प्रकार के अवैध कॉल सेन्टरो पर प्रभावी कार्यवाही कर रही है, इस मामले में भी तह तक जायेगी एवं हर प्रकार के तथ्यो को खंगालेगी । जनता से अपील की है कि कस्टमर केयर से बताकर फोन करने वाले व्यक्ति की बातो में न आये और न ही उसे अपने वॉलेट/बैक सम्बन्धी को जानकारी साझा करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन व साईबर हेल्पलाईन 1930 पर सम्पर्क करें ।