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सरकार की मंशा लैंड के मिस यूज पर रोक की दूसरी और बंशी लैंड यूज चेंज पर दे रहे हैं भारी छूट,इधर ‘लैंड जिहाद’ तो उधर ‘लैंड यूज’ में भारी छूट

वरिष्ठ पत्रकार अतुल बरतरिया

देहरादून: उत्तराखंड में पलायन से खाली हो रहे गांवों और कथित लैंड जिहाद पर सरकार गंभीर है तो काबीना मंत्री बंशीधर भगत अपनी अलग ही धुन बजा रहे हैं। बंशी का कहना है कि लैंड यूज परिवर्तन पर शुल्क को 2 सौ फीसदी के घटाकर आधा फीसदी किया जाएगा।

भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने एक अहम मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि दलितों और अन्य लोगों की जमीन को एक समुदाय विशेष के लोग खरीद रहे हैं। अजेंद्र ने सीएम को लिखे खत में इसे गंभीर खतरा बताया है। सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया और सभी डीएम और एसएसपी को आदेश दिया है कि ऐसे मामलों पर गौर किया जाए। और देखा जाए कि हालात बेकाबू न हो पाएं। सरकार ने इस मामले की समीक्षा के लिए एक कमेटी भी बनाई है। दरअसल, ऐसा इस वजह से भी हो रहा था कि त्रिवेंद्र सरकार ने लैंड यूज चेंज के नियमों में भारी छूट दी थी।

एक तरफ सरकार गंभीर है तो शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत अपनी अलग ही धुन बजा रहे हैं। बंशी ने अपनी धुन में अफसरों को निर्देश दिए हैं कि लैंड यूज चेंज की दरों को 200 फीसदी से आधा फीसदी तक ला दिया जाए। अहम बात यह है कि सरकार ने अभी त्रिवेंद्र सरकार के असीमित जमीन खरीद के लैंड यूज में स्वतः परिवर्तन के आदेश को खारिज नहीं किया है। ऐसे में क्या बंशी की ये नई धुन भाजपा नेता अजेंद्र अजय की लैंड जिहाद की आशंका को और बल नहीं देगी।

अहम बात यह भी है कि बंशी की यह धुन पहली बार नहीं बजी है। इससे पहले भी भी बंशी की धुन सरकार और सत्ता ही नहीं, संगठन की नीतियों के खिलाफ भी बजती रही है।