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विशेष:लोक सूचना अधिकारियों द्वारा इतने दिन में भेजना होगा सूचना शुल्क का नोटिस नहीं तो माना जाएगा जानबूझकर नोटिस भेजने में किया गया हैं विलंब, देखिए आदेश सूचना आयोग

भूपेन्द्र लक्ष्मी

लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के स्तर पर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7(3) के अनुपालन हेतु पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखंड एन.एस. नपलच्याल द्वारा आदेश जारी किए गए थे।
*आदेश*
मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखंड द्वारा आदेश जारी किए गए थे कि आयोग में द्वितीय अपीलों तथा शिकायतों की सुनवाई के समय प्राय: यह देखने में आ रहा है कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा अनुरोधकर्ता को अतिरिक्त शुल्क जमा करने हेतु नोटिस अत्यंत विलम्ब से भेजा जाता है तथा कहीं-कहीं तो यह नोटिस देने में पूरे 30 दिन का समय लिया जाता है, जो कि उचित नहीं है।
सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7(1) के अंतर्गत 30 दिन का समय सूचना देने हेतु निर्धारित किया गया है तथा यद्यपि अतिरिक्त जमा करने हेतु नोटिस दिए जाने के लिए कोई समयावधि निर्धारित नहीं की गई है, परंतु ऐसे नोटिस *एक समुचित समयावधि* के अंतर्गत ही दिए जाने चाहिए।
लोक सूचना अधिकारियों द्वारा अभिलेखों का परीक्षण करने के पश्चात अतिरिक्त शुल्क लिए जाने का निर्णय लिया जाता है तथा उसके बाद अतिरिक्त शुल्क की गणना कर शुल्क जमा करने का नोटिस प्रेषित किया जाता है।

अतः इस प्रक्रिया में अधिकतम 1 सप्ताह अथवा 10 दिन का ही समय लगना चाहिए ना कि पूरे 30 दिन का।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त शुल्क का नोटिस दिए जाने से लेकर लोक सूचना अधिकारी के स्तर पर शुल्क प्राप्त होने की तिथि के मध्य के दिनों को छोड़कर प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर ही सूचना दी जानी होती है।
अतः इस तरह अकारण या जानबूझकर विलंब करना अधिनियम की भावना के विपरीत है तथा यह लोक सूचना अधिकारी के स्तर पर अनुरोधकर्ता को जानबूझकर परेशान करने की प्रवृत्ति का परिचायक है।
अतः सूचना का अधिकार अधिनियम की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा अतिरिक्त शुल्क जमा करने का नोटिस प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के *अधिकतम 10 दिन के अंदर दिया जाना* आवश्यक है।

अन्यथा आयोग द्वारा यह माना जाएगा कि लोक सूचना अधिकारी के द्वारा जानबूझकर नोटिस प्रेषित करने में विलंब किया गया है।