भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड डीजीपी अपनी बैठकों में लगभग हर दफ़ा आमजनता की थाने, चौकियों में आनी वाली शिकायतों पर तत्काल मुकदमे दर्ज करने के निर्देश जारी कर रहे हैं लेकिन थानेदारों को लगता हैं कोई परवाह नहीं अपने सर्वोच्च अधिकारी के आदेशों की क्योंकि एक प्रकरण देहरादून की पटेलनगर कोतवाली का सामने आया है, जहां पीड़ित के सीसीटीवी फुटेज के साथ चोरी की तहरीर देने के बावजूद पुलिस पीड़ित को 15 दिन घुमाती रही ओर 15 दिन बाद पुलिस ने चोरी का मुकदमा दर्ज किया है ।
शिकायतकर्ता मनु त्रिपाठी निवासी आशीर्वाद एन्क्लेव देहराखास ने पुलिस को बताया कि वह एक कंपनी में मैनेजर है और उनके पिता सेवानिवृत्त अध्यापक हैं, चार दिसंबर को वह घर में ताला लगाकर परिवार सहित बाहर गए थे। उन्होंने आठ दिसंबर को वापस देहरादून पहुंचना था, लेकिन सुबह पड़ोसियों ने बताया कि उनके घर के ताले टूटे हुए हैं। ऐसे में वह आठ दिसंबर की सुबह ही देहरादून पहुंच गए घर पहुंचकर उन्होंने देखा कि मुख्य दरवाजे के ताले टूटे हुए हैं और घर से सोने का मांग टीका, मंगलसूत्र, गले की चेन, हाथ का कड़ा, चांदी की पायल, चांदी के बर्तन, लैपटाप और 10 हजार रुपये चोरी हो रखा था। इस मामले में उन्होंने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की चेंकिंग करवाई तो उसमें चोर सात दिसंबर की देर रात घर में दाखिल होते दिख रहे हैं। इसकी शिकायत उन्होंने आठ दिसंबर को पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सहित तहरीर दी। लेकिन पुलिस उनको टहलाती रही और पुलिस उनसे यह कहती रही कि यदि मुकदमा दर्ज किया गया तो चोरों से बरामद होने वाले सामान को उपलब्ध करवाने में देरी हो जाएगी। पीड़िता ने बताया कि वह हर दिन थाने के चक्कर काटते रहे और पुलिस से फालोअप लेते रहे, लेकिन अब जाकर उन्हें मुकदमा दर्ज होने के बाद एफआइआर की कापी मिल पाई है।
सीसीटीवी फुटेज में चोर घर में दाखिल होते हुए दिख रहे हैं। इनमें एक चोर पहले रेकी करने के लिए आ रहा है, उसके बाद एक सफेद कलर का हुड पहने चोर कुछ देर आसपास का जायजा लेते हुए दिख रहा है।