फंडिंग को लेकर जब राष्ट्रपति ट्रंप से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों देंगे?
भारत के पास बहुत पैसा, हम फंड क्यों दें: ट्रंप
USAID क्यों करता था फंडिंग?
DOGE ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है। DOGE अमेरिकी सरकार के खर्चे में कटौती कर रहा है। DOGE द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, अमेरिका भारत को 21 मिलियन डॉलर इसलिए देता था ताकि देश के चुनावों में मतदाता की भागीदारी बढ़े।
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उन्होंने कहा कि नेपाल में राजकोषीय संघवाद पर खर्च किए गए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर का तो जिक्र ही न करें। USAID द्वारा दुनिया के अलग-अलग देशों में मौजूद संस्थाओं को फंडिंग दी जाती थी, जिस पर कटौती की जा रही है।
फंडिंग को लेकर हो रही राजनीतिक बयानबाजी
फंडिंग को लेकर देश में राजनीतिक बहस भी छिड़ गई है। भाजपा ने सवाल उठाए हैं कि साल 2012 में चुनाव आयोग को फंडिंग क्यों की गई। कांग्रेस सरकार के दौरान फंड क्यों दी गई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अमेरिकी फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल करार दिया।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सवाल किया कि इस फंडिंग से किसे लाभ हुआ है? उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को तो नहीं हुआ होगा। भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा, क्या भाजपा ये कहना चाहती है कि फंडिंग की वजह से साल 2014 में भाजपा की केंद्र में सरकार बनी।