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बड़ी ख़बर:देहरादून के दून अस्पताल में मरीजों के ब्लड सैम्पलों संग हो रही घोर लापरवाही रिपोर्ट के लिए दो बार देना पड़ता है ब्लड सैंपल आयोग ने CMO को किये नोटिस जारी

भूपेन्द्र लक्ष्मी

देहरादून के दून अस्पताल में मरीजों के ब्लड सैम्पलों संग हो रही घोर लापरवाही रिपोर्ट के लिए दो बार देना पड़ता है ब्लड सैंपल

देहरादून के दून अस्पताल में बुखार के उपचार के नाम पर मरीजों की सेहत के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां मरीजों के ब्लड सैंपल लावारिस छोड़ दिए जाते हैं तथा जब मरीजों के तीमारदार ब्लड रिपोर्ट लेने आते हैं तो उनसे दोबारा खून जांच कराने के लिए कहा जाता है।
कारगी चौक निवासी एक मरीज के अनुसार कि मरीजों की जांच सैम्पलों के साथ बड़ी लापरवाही हो रही है,सैम्पलों को इधर-उधर किया जा रहा है, इसके बाद मरीजों से दोबारा सैंपल लिए जा रहे हैं तथा ब्लड सैंपल लेने के लिए इंटर्न नर्सिंग स्टाफ को लगाया जा रहा है, आरोप है कि यह जांच करने में असमर्थ हैं क्योंकि कोई अनुभवी स्टाफ नहीं होता है। एक व्यक्ति की जांच कराने में कई इंटर्न को लगाया जाता है, सभी इंटर्न बारी-बारी से जाँच करते हैं। इनमें से एक इंटर्न मुश्किल से ही सैंपल ले पाता है।
टिहरी निवासी एक व्यक्ति के अनुसार कि विभाग की ओर से बड़ी लापरवाही की जा रही है डॉक्टर ने 2 जांचें लिख कर दी थी, इसके लिए सैंपल भी दे दिए थे, लेकिन जब मंगलवार को रिपोर्ट लेने आया तो कहा गया कि आपका सैंपल नहीं मिल रहा है दूसरा सैंपल दो, दुबारा सैंपल देकर अब रिपोर्ट के इंतजार में हैं।
तय समय से पूर्व ही लैब बंद कर दी जाती है अचानक लैब के बंद होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को निराश होकर दून अस्पताल से वापस जाना पड़ता है।
साथ ही अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई है परंतु इतनी भीषण गर्मी में भी पंखों का इंतजाम नहीं है, मेडिसन विभाग में भी कोई पंखा नहीं है और जो एक-दो हैं वह भी बंद पड़े हैं।
इस संवाददाता ने इस मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह मामला बहुत ही गंभीर है क्योंकि एक ही मरीज के अस्पताल वालों की अपनी घोर लापरवाही के कारण दो-दो बार ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं, इसलिए व्यापक जनहित में तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून को नोटिस जारी कर निर्देशित किया गया कि सुनवाई की नियत तिथि से पूर्व आयोग के समक्ष मामलें से संबंधित समस्त रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।