भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
सम्पूर्ण प्रकरण इस प्रकार हैं कि दिनाँक-27-9-2021 को इस संवाददाता द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित में याचिका दायर की गई थी कि देहरादून के क्षेत्र नकरौंदा मे मालसी वाली पुलिया से श्री शाही के मकान तक लगभग 500 मीटर सड़क ( नकरौंदा पोस्ट ऑफिस वाली ) लगभग अठारह बीस साल पहले बनी थी जिसको दोबारा बनाने के लिए क्षेत्रवासियों ने नेताओं, अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई किन्तु आज तक किसी ने भी इस सड़क को बनाने की जरूरत नहीं समझी जबकि यह सड़क पोस्ट मालसी वाली पुलिया से ढाक पट्टी मोहल्ला. मंगलम गार्डन भट्ट मोहल्ला आदि अनेको मोहल्लो को जोड़ती हुई मेन रोड नकरौंदा बालावाला को जोड़ती है ओर स्थानीय क्षेत्रवासियों बताया गया कि सड़क मे काफ़ी लम्बे समय से बड़े-बड़े गड्ढे हो रखें हैं जो बरसात मे भर जाते है जिस कारण पैदल निकलना भी मुश्किलहो जाता है क्योंकि बरसात के पानी की वजह से गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं,जिस कारण स्कूटर,मोटर-साईकिल,साईकिल वाले भी कई बार चोटिल हो गए है तथा हर समय इस ऊबड़ खाबड़ सड़क के कारण क्षेत्रवासियों के मन मे भय बना रहता हैं कि कहि कोई चोटिल न हो जाये,परंतु जिम्मेदारों को इसकी कोई चिंता नहीं हैं कई वर्षों से क्षेत्रवासियों द्वारा इस अत्यंत ही गंभीर एव संवेदनशील मामलें में सड़क बनाने की गुहार लगाने के बावजूद इस मामलें में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।
आयोग द्वारा प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई थी और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए अधिशासी अभियंता, प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया।
अधिशासी अभियंता, प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग द्वारा आयोग के आदेशों कि अवहेलना करते हुए शिकायत से संबंधित रिपोर्ट सुनवाई की नियत तिथि 09-12-2021 को आयोग में पेश नही की गयी ।
अधिशासी अभियंता प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग ने अति संवेदनहीनता दिखाते हुए जब स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़े हुए इस मामले में ना ही कोई कार्रवाई की ओर ना ही आज तक वह सड़क बनी है, तो आखिर वह अपनी रिपोर्ट आयोग में पेश करते भी तो कैसे करते।
अधिशासी अभियन्ता की आमजनता के कार्यों के प्रति तथा आयोग के आदेशों के प्रति इतनी संवेदनहीनता और लापरवाही को देख आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना ने कड़ा रूख अपनाते हुए अधिशासी अभियन्ता, प्रान्तीय खंड लोक निर्माण विभाग देहरादून की ओर से आख्या प्रस्तुत नहीं करने पर उनको पुनः नोटिस जारी कर सुनवाई की आगामी दिनांक पर स्वयं उपस्थित होकर अपनी आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया हैं।