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सपा सांसद ड‍िंपल यादव ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर द‍िया बयान

नई द‍िल्‍ली। तीन नए आपराधिक कानूनों पर समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव का बयान सामने आया है। ड‍िंपल ने आरोप लगाया क‍ि यह कानून बहुत गलत तरीके से संसद में पास किए गए हैं। इन कानूनों पर कोई चर्चा नहीं है। सपा सांसद ने कहा क‍ि अगर कोई विदेशों में भी अपने अधिकारों को लेकर विरोध करता है तो उन पर भी ये कानून लागू होंगे। कहीं न कहीं यह कानून पूरे देशवासियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।

राजनीतिक दबाव के चलते अब तक कई संगीन मुकदमे भी कोर्ट से वापस हो जाते थे, लेकिन एक जुलाई 2024 से तीन नए कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) लागू होने के बाद यह संभव नहीं होगा।
पीड़ित को कोर्ट में अपनी बात रखने का म‍िलेगा पूरा अवसर

अब न्यायालय में लंबित आपराधिक मामलों को वापस लेने के लिए पीड़ित को कोर्ट में अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा। न्यायालय पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुकदमा वापस लेने की सहमति नहीं देगा।

ई-एफआईआर व जीरो एफआईआर की भी व्यवस्था

नए कानूनों में ऐसे कई प्रविधान किए गए हैं, जो न्याय की अवधारणा को मजबूत करते हैं। समयबद्ध न्याय के लिए पुलिस व कोर्ट के लिए सीमाएं भी निर्धारित की गई हैं। अंग्रेजों के बनाए कानून खत्म हुए तो पहली बार छोटे अपराधों में सजा के तौर सामुदायिक सेवा का भी प्रविधान किया गया है।

पुलिस विवेचना में अब तकनीक का उपयोग अधिक से अधिक होगा। इसके लिए डिजिटल साक्ष्यों को पारंपरिक साक्ष्यों के रूप में मान्यता दी गई है। ई-एफआईआर व जीरो एफआईआर की भी व्यवस्था की गई है। आतंकवाद व संगठित अपराध जैसे नए विषय भी जोड़े गए हैं।

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