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देहरादून: श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ को मिली बड़ी सफलता पैदाइशी दिल के छेद का किया सफल ऑपरेशन

भूपेन्द्र लक्ष्मी

पैदाइशी दिल के छेद का किया सफल ऑपरेशन
– श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ को मिली बड़ी सफलता
21 वर्षीय रितिक निवासी ग्राम कोतवाली आलमपुर, रूड़की को जन्मजात दिल में छेद था। उम्र बढ़ने के साथ रितिक को इस कारण से बार-बार सांस चढ़ना, दिल की धड़कन तेज होना व दौड़ने पर हाँफने लगना जैसी परेशानियाँ रहने लगी। रितिक के शरीर में द्रव्य अधिक होने से शरीर फूलना व अपेक्षाकृत ज्यादा रहने लगा।
जांच करवाने पर दिल में छेद होने का पता चला। डाॅक्टरों द्वारा उसके हृदय का एक ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन ऑपरेशन के उपरांत भी रितिक को सांस चढ़ने व दिल की धड़कन तेज होने जैसी परेशानियाॅं रहने लगी।
रितिक के परिजनों ने देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की साख और वहाॅं उपलब्ध गुणवत्तापरक हृदय रोग उपचार के अत्याधुनिक उपचार के बारे में बहुत सुन रखा था।
अतः वह रितिक को लेकर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुॅंचे। यहाॅं उन्होंने कार्डियोथोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन डाॅं अरविन्द मक्कड़, एम0बी0बी0एस0, एम0एस0, एम0सीएच0 (कार्डियोवैस्क्युलर एवं थोरेसिक सर्जरी) से परामर्श लिया। मरीज की जांच के उपरांत डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ ने उसका सी0टी0 स्कैन व ईको करवाया। सी0टी0 स्कैन व ईको से पता चला कि रितिक के दिल का एओर्टिक वाल्व खराब हो चुका था। यही नहीं, दिल से निकलने वाली मुख्य धमनी भी अत्यधिक फैल चुकी थी और उसमें भी काफी सूजन थी। डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ ने मरीज रितिक व उसके परिजनों को समझाया कि इस स्थिति में दिल के दौरे के अलावा मुख्य धमनी (आर्टरी) के फूटने से जान का खतरा कभी भी हो सकता था।
अतः ऑपरेशन ही जीवन रक्षा का एकमात्र उपाय है। रितिक व उसके परिजनों ने डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ की सलाह मानते हुए आॅपरेशन के लिए हामी भर दी।

डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ व उसकी टीम ने अस्पताल में विशेष तौर पर निर्मित कार्डियो वैस्क्युलर सर्जरी ऑपरेशन थियेटर (सी0टी0वी0एस0 ओ0टी0) में रितिक का ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन करीब दस घंटों तक चला आॅपरेशन के दौरान रितिक के दिल में कृत्रिम वाल्व डाला गया। एओर्टा को भी बदला गया। ग्राफ्ट (कृत्रिम आर्टरी) के माध्यम से दोनों कोरोनरी आर्टरी को एओर्टा से जोड़ा गया। 10 घंटे तक चला यह ऑपरेशन सफल रहा।
ऑपरेशन में रितिक के दिल की सभी कमियों को दूर कर दिल की सामान्य कार्य-प्रणाली को सुनिश्चित किया गया।
ऑपरेशन के कुछ समय बाद रितिक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, और अब वह सामान्य जीवन जी रहा है। पुरानी कोई भी समस्या जैसे बार-बार सांस फूलना, दिल की घड़कन तेज रहना, आदि परेशानियाॅं नहीं रही हैं। रितिक एक सामान्य स्वस्थ जीवन जी रहा है।

रितिक को सामान्य जीवन जीता देख उसके परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उन्होंने तो रितिक के स्वस्थ होने की आस ही छोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि डाॅं0 अरविन्द मक्कड़, उनकी टीम व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने डाॅक्टर ही भगवान है कहावत को चरितार्थ किया है।
आमतौर पर किसी भी अस्पताल में इस तरह के ऑपरेशन का खर्चा करीब 6 से 8 लाख रूपयों तक आता है, परन्तु रितिक का ऑपरेशन आयुष्मान योजना कार्ड के अन्तर्गत हुआ। उन्होंने आयुष्मान योजना के अन्तर्गत रितिक का उपचार करने के लिए सरकार व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का हार्दिक धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि ग्रामीण निम्न मध्यमवर्गीय परिवार का होने के कारण आयुष्मान कार्ड के अंर्तगत उपचार न होने की स्थिति में वह रितिक का उपचार करवाने में असमर्थ होते।

ज्ञातव्य है कि डाॅं0 अरविन्द मक्कड़ उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के नामचीन कार्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन हैं, जिन्होंने अब तक दो हजार से अधिक सफल कार्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जरी करके हजारों रोगियों की जानें बचाई हैं।
‘‘रितिक के दिल का छेद व बीमारी पूर्व में उचित उपचार न मिल पाने के कारण गंभीर अवस्था में पहुॅंच चुके थे।

ऑपरेशन में देरी से रितिक को जान का खतरा था। यह मामला दुर्लभ मामलों में से एक था व ऑपरेशन भी बेहद जटिल था। आॅपरेशन की सफलता में निश्चेतन टीम डाॅं0 रोबीना, डाॅं0 औरंगजेब, डाॅं0 पराग, डाॅं0 आयुषी एवं आई0सी0यू0 टीम का भी योगदान है। ‘‘

डाॅं0 अरविन्द मक्कड़
एम0बी0बी0एस0, एम0एस0, एम0सीएच0
कार्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल