भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
देहरादून: इंदिरेश अस्पताल में पेनकोस्ट ट्यूमर की सफल सर्जरी
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग में एक पेनकोस्ट ट्यूमर से पीड़ित मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति की सफल सर्जरी को किया गया है।
अस्पताल के अध्यक्ष, श्री देवेंद्र दास जी महाराज ने सफल सर्जरी पर प्रसन्नता व्यक्त की है और टीम को बधाई दी है।
कैंसर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज गर्ग ने कहा कि पेनकोस्ट ट्यूमर की सर्जरी संभवत: उत्तराखंड में पहली बार हुई है। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया और स्वास्थ्य लाभ हासिल कर रहा है। उन्होंने पुष्टि की कि इंदिरेश अस्पताल में सभी प्रकार के ट्यूमर के व्यापक उपचार के लिए सभी सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ अजीत तिवारी और डॉ पल्लवी कौल (सर्जन), डॉ निशीथ गोविल और डॉ प्रियंका मिश्रा (ओंकोएनेस्थेटिस्ट), मेघना, अभिलाष और पूजा (नर्सिंग स्टाफ) शामिल हैं।कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी ने बताया कि पेनकोस्ट ट्यूमर एक दुर्लभ प्रकार का फेफड़ों का कैंसर है जो छाती के ऊपरी हिस्से में होता है, और इसमें पसलियों और आस पास की नसों और रक्त वाहिकाओं, जो की हमारे हाथ को सप्लाई करती हैं, को भी अपनी जकड़ में ले लेता है। इस वजह से इसका ऑपरेशन बहुत ही जटिल और मुश्किल हो जाता है ताकि मरीज का हाथ ख़राब नहीं हो। उन्होंने कहा कि इस केस में ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने के लिए दाहिने फेफड़े के आधे हिस्से के साथ ऊपरी पांच पसली की हड्डियों को हटाना पड़ा।
भारत में फेफड़ों का कैंसर आम कैंसर है; हालांकि, अधिकांश रोगी एडवांस्ड स्टेज में हमारे पास आते हैं जब रोग पहले ही शरीर के अन्य भागों में फैल चुका होता है। लगातार खांसी, खूनी स्राव, सीने में दर्द, वजन और भूख में कमी, और सांस फूलने वाले लोगों को फेफड़ों का कैंसर हो सकता है और उन्हें जल्द से जल्द ऑन्कोलॉजिस्ट की राय लेनी चाहिए।
ओंकोएनेस्थेटिस्ट, डॉ निशीथ ने बताया कि इन फेफड़ों की सर्जरी में सर्जरी के दौरान बहुत जोखिम होता है और मरीज को अच्छी तरह से ठीक होने के लिए सर्जरी के दौरान और बाद में उचित देखभाल की आवश्यकता होती है।