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देहरादून: श्री गुरु राम राय यूनिवर्सिटी में टीचिग-लर्निंग प्रोसेस को प्रभावी और विद्यार्थी केंद्रित बनाने हेतु फैक्लटी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

नए दौर में तकनीक को शिक्षण का हथियार बनाना जरूरीः कुलपति
आईआईएम ऐलुमनाई ने शिक्षकों को समझाई शिक्षण की बारीकियां
एसजीआरआर विश्वविद्यालय में एफडीपी का आयोजन
फैक्लटी की गुणवत्ता बढ़ाने को होते रहेंगे ऐसे कार्यक्रम
देहरादून: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में टीचिग-लर्निंग प्रोसेस को प्रभावी और विद्यार्थी केंद्रित बनाने हेतु फैक्लटी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के ऐलुमनाई एवं लीटरशिप डेवलपमेंट एक्सखर्ट प्रणव खरबंदा ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को पठन-पाठन की बारीकियों एवं लीडरशिप क्वालिटीज से अवगत कराने के साथ ही शिक्षण की नई तकनीकों से अवगत कराया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यूएस रावत ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि शिक्षकों को आने वाले समय में नई चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके साथ ही आज पुराने तरीकों के साथ ही नई तकनीक आधारित पढ़ाई के तरीकों को भी अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा आगे भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। आईआईएम अल्युमनाई एवं लीडरशिप डेपलपमेंट एक्सपर्ट प्रणव खरबंदा ने इस मौके पर शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि शिक्षक को शांत एवं अच्छा आब्जर्बर होना चाहिए। शिक्षकों में ज्ञान की भूख होनी चाहिए। क्लास रूम्स की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्हें खुद को तैयार करना होगा। विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा के साथ ही टीम और सहयोग की भावना भी विद्यार्थियों में विकसित करनी होगी। व्यवहार संबंधी गुणों पर ध्यान देने के साथ ही समय-समय पर विद्यार्थियों को काऊंसलिंग की भी जरूरत होती है। एक अच्छे शिक्षक को सब्जेक्ट एक्सपर्ट होने के साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखाना होगा।
कुलसचिव प्रो. दीपक साहनी ने अपने संबंधन में कहा कि नए दौर में न केवल दुनिया सिमटी है बल्कि ज्ञान का भी संचार के साधनों से विस्तार हुआ है। आज तकनीक के सहारे हम देश-विदेश के विद्यार्थियों को भी शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. सोनिया गंभीर और श्रीमती वैशाली प्रकाश रहे। इस मौके पर विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. आरपी सिंह, चीफ प्रोक्टर एवं स्पोक्स पर्सन डॉ. मनोज तिवारी, प्रो. मालविका कांडपाल, डॉ. मनोज गहलोत, डॉ. कुमुद सकलानी, डॉ. अलका चौधरी, डॉ. पूजा जैन आदि मौजूद रहे। तकनीकी सहयोग श्री रमेश एवं गणेश डबराल ने दिया।