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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की रिसर्च सेकेट्री के ईआरपी मॉडल को मिली भारत सरकार की स्वीकृति प्रो. डॉ पूजा जैन को 4 सालों की कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की रिसर्च सेकेट्री के ईआरपी मॉडल को मिली भारत सरकार की स्वीकृति
 प्रो. डॉ पूजा जैन को 4 सालों की कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता
 ईआरपी का आधुनिक मॉडल उपभोक्ताओं को देगा बड़ी राहत

देहरादून: ईआरपी यानी एण्टरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग। ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना) एक व्यापार प्रबन्धन साफटवेयर है। ईआरपी का इस्तेमाल व्यावसायिक घरानों, प्रतिष्ठानों, शॉपिंग मॉल्स में संचालित स्टोर्स द्वारा व्यावसायिक उत्पादकता और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है। अभी तक बाजार में ईआरपी सिस्टम का प्रचलन व संचालन विक्रेता व वस्तुओं के प्रबन्धन के अलावा कर्मचारी प्रबन्धन को ध्यान में रखकर किया जाता रहा है। उपभोक्ता की आवश्यकता व उपयोगिता को भी ध्यान में रखकर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ पूजा जैन ने अपने कुछ मित्र शिक्षकों प्रो. डॉ प्रतीक गुप्ता, डॉ दीपा, डॉ मुक्तामनी, डॉ धनंजय वत्स, डॉ मोहित गुप्ता के साथ मिलकर ईआरपी का एक नया मॉडल तैयार किया है। ईआरपी का यह आधुनिक मॉडल उपभोक्ताओं की सुगमता, उपयोगिता व उनको आवश्यकताओं की पूर्ति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। भारत सरकर ने उनके इस मॉडल के पेंटेंट पर स्वीकृति प्रदान की है। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज, कुलपति डॉ यू.एस.रावत. कुलसचिव डॉ दीपक साहनी व डीन मैनेजमेंट डॉ विपुल जैन ने डॉ पूजा जैन को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी है।
डॉ पूजा जैन श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड कार्मस स्टडीज़ में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंनें “कस्टमर एक्सेसेबल सिस्टम ऑफ एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग विद कंटैक्चुअल यूजे़ज इंटरफेस” नामक मॉडल पर शोध किया हैं। इस शोध के पेंटेंट पर भारत सरकार ने पेंटेंट स्वीकृति प्रदान कर दी है। डॉ पूजा जैन केे 30 शोध पत्र व 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, उनके आईआईटी, आईआईएम जैसे संसाधनों में शोधपत्रों को काफी प्रशंसा मिली है।
”शोध कार्य को पूरा करने में मुझे 4 वर्ष का समय लगा। मुझे आशा है कि उपभोगता की उपयोगिता व समूचित सुविधा प्रबन्धन पर आधारित यह मॉडल बाजार में आने के बाद उपभोक्ता को बड़ी राहत देगा। वर्तमान अविष्कार का उद्देश्य उद्यम संसाधन योजना की एक ग्राहक सुलभ प्रणांली प्रदान करना है जो प्रत्यक्ष व्यापारी/ग्राहक की पहुंच के आधार पर प्रबन्धन सुनिश्चित करता है। वर्तमान अविष्कार का उद्देश्य उद्यम संसाधन योजना प्रणांली/व्यवसाय प्रणाली के लिए अत्यधिक आकर्षक, नेवीगेशनल और प्रासंगिक यूजन इंटरफेस की सुविधा प्रदान करना है।“
वर्तमान अविष्कार एक उद्यम संसाधन योजना प्रणाली और सहयोगी वातावरण के प्रबन्धन के लिए विधि से सम्बन्घित है जो इसमें प्रत्यक्ष ग्राहक भागीदारी की अनुमति देता है और एक प्रासंगिक उपयोगकर्ता इंटरफेस को शामिल करता है। उदाहरण के लिए यदि कोई संगठन पूरे भारत में उत्पादों की बिक्री और खरीद में शामिल है जैसे कि कपड़े को बेचने के लिए बहुत सारे खुद्रा स्टोर हैं प्रत्येक खुद्रा विक्रेता, विक्रेता स्टोर का मालिक है। माना जाता है कि कोई ग्राहक पूछताछ करना चाहता है कि क्या खुद्रा स्टोर में कोई विशेष प्रकार का उत्पाद मौजूद है या यदि ग्राहक किसी विशेष उत्पाद को खोजने में सक्षम नहीं है, चुने हुए स्वैट शर्ट का आकार भी हो सकता है। खुद्रा विक्रेता केवल कैटलॉग के माध्यम से जॉच करके और उद्यम संसाधन योजना साफटवेयर में उपलब्ध डाटा को जॉच करके जानकारी प्रदान कर सकता है।
प्रो. (डॉ) पूजा जैन
रिसर्च सैक्रेटरी
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, देहरादून।