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जन्म दिवस पर याद किए गए अजात शत्रु दीनानाथ सलूजा

जन्म दिवस पर याद किए गए अजात शत्रु दीनानाथ सलूजा

देहरादून, 26 दिसम्बर:उत्तराखंड की शान माने जाने वाले प्रखर समाजसेवी और मुखर दानी दीनानाथ सलूजा के निधन के बाद उनके सहयोगियों ने उनका जन्मदिन मनाया। अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन तथा संचालन हिन्दी साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष विजय स्नेही ने किया। अपने संबोधन में विजय स्नेही ने स्वर्गीय दीनानाथ सलूजा की स्मृतियां प्रस्तुत की तथा कहा कि श्री सलूजा अजात शत्रु समाजसेवियों में रहे हैं। हर राजनीतिक दल का नेता साहित्यकार, पत्रकार और राजनीतिक नेताओं में उनकी विशेष पहचान थी। दीनानाथ सलूजा का कार्यालय और आवास दोनों ऐसे नेताओं के लिए मंदिर जैसा होता था जहां प्रतिदिन लोग पहुंचते थे।

इस अवसर पर स्वर्गीय दीनानाथ सलूजा के भतीजे ऋषि सलूजा और उनकी मां श्रीमती इन्दू सलजा विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीनानाथ सलूजा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके अनन्य सहयोगी और ओएनजीसी में निदेशक पद से सेवामुक्त एनआर गुप्ता ने उनके दानवीरता और समाज सेवा का स्मरण किया। दीनानाथ सलूजा ऐसे दानियों में थे जो गुमनाम रहकर लोगों की मदद करते थे। उनका एक ही आग्रह रहता था कि उनके इस दान की चर्चा किसी से न की जाए। ऐसे समय में जब लोग फल भी दान करते हैं तो समाचार पत्रों में फोटो छपवाकर प्रचार प्रसार करते हैं। ऐसे समय में दीनानाथ सलूजा जैसे समाजसेवी मिलना संभव नहीं है। उनके अन्य सहयेागियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जहां विजय स्नेही ने उनका परिचय दिया वहीं उनके साथ नगर निगम में पार्षद रहे अशोक वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष दीनानाथ सलूजा 1989 से 94 तक नगर पालिका अध्यक्ष रहे। विभिन्न खेल संगठनों के अध्यक्ष और संरक्षक रहने के साथ-साथ उन्होंने देहरादून में साहित्यिक गतिविधि का संचालन किया जिसमें हिन्दी साहित्य समिति प्रमुख है। इतना ही नहीं नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने हिन्दी भवन और प्रेस क्लब को भवन आवंटित किया जिस पर आज दोनों संस्थाओं का कार्यलय है। 

इस अवसर पर जिन विशिष्ट लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए उनमें आनंद सहगल, डा.देवेंद्र भसीन, सुरेंद्र अग्रवाल, सुंदर ठाकुर, इंद्रदेव रतूड़ी,राम प्रताप मिश्र के नाम शामिल हैं। विशेष रूप से कार्यक्रम में आनंद वर्मा, कविता बत्रा उपस्थित थे। 

अमर खरबंदा, वीरेंद्र डंगवाल ने काव्य के माध्यम से समाजसेवी दीनानाथ सलूजा को याद किया और काव्यमयी श्रद्धाजंलि दी। इस अवसर पर दर्जनों प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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