भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड राज्य के शिक्षा विभाग का कारनामा 9 मृतकों और 8 रिटायरों का कर दिया प्रमोशन
मृतक शिक्षकों के प्रमोशन के मामलें में जवाब ना देने पर डबल बैंच गंभीर सचिव शिक्षा उत्तराखंड को सशपथ बयान देने हेतु नोटिस जारी
क्या रहस्य हैं आखिर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं सचिव शिक्षा
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड राज्य के शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापकों के पदों पर 9 ऐसे शिक्षकों का प्रमोशन कर दिया है जो काफी समय पहले स्वर्ग सिधार चुके हैं ओर 8 ऐसे शिक्षक जो कि रिटायर हो चुके हैं उनके भी प्रमोशन कर उन्हें प्रधानाध्यापक बनाया गया है साथ ही 2 ऐसे प्रधानाध्यापक हैं जिनकों दोबारा प्रधानाध्यापक बना दिया गया है।
ऐसा लगता हैं कि अप्रूव होने के बाद प्रमोशन लिस्ट न तो किसी जिम्मेदार अधिकारी ने देखी और न ही उसपर ध्यानपूर्वक गौर किया लगता हैं यह सब जानबूझकर किया गया हैं ।
यही नहीं इन प्रकरणों के अलावा 40 फीसद से ज्यादा शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलने जा रहा है इनमें से करीब 211 शिक्षक सेवाकाल कम होने के कारण प्रधानाचार्य पद तक नहीं पहुंच पाएंगे 39 इस वक्त सत्रांत लाभ पर होने के कारण ज्यादा फायदे में नहीं रहे 108 शिक्षक मार्च 2022 तक रिटायर होने जा रहे हैं इस बात की पूरी संभावना है कि सेवाकाल कम होने के कारण ज्यादातर शिक्षक प्रमोशन को ले ही नहीं और तैनाती स्थल पर ना जाये ।
इस अत्यंत ही गंभीर गंभीर मामले में इस संवाददाता द्वारा मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित न्यायहित में याचिका दायर कर निवेदन किया गया था कि कि इस तरह के शिक्षकों की एसीआर किस अफसर ने दी डीपीसी में इसे क्यों नहीं देखा गया। यह विभाग की गंभीर लापरवाही है, इस मामले में संबंधित अफसरों के खिलाफ जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि स्वर्गवासी एवं रिटायर शिक्षकों का प्रमोशन करने के कारण कई पद खाली रह गए हैं, यह बहुत ही गंभीर मामला है इसलिए इस मामले में जनहित न्यायहित में तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर पूर्ण मामले की रिपोर्ट तलब करने की कृपा कर कार्यवाही करने की कृपा करें।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा दिनाँक 30-7-2021 को कार्यवाही करते हुए सचिव शिक्षा उत्तराखंड शासन देहरादून को कार्यवाही हेतु निर्देशित करते हुए समस्त प्रकरण की रिपोर्ट दिनाँक 04/10/2021 को तलब की गई थी परन्तु सचिव शिक्षा ने आयोग के समक्ष मामलें से संबंधित रिपोर्ट पेश नही की इसपर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए सचिव शिक्षा उत्तराखंड शासन को निर्देशित करते हुए आदेश जारी किए हैं कि सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 09-12-2021 तक आयोग के आदेशों की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।
सुनवाई की नियत तिथि पर आख्या प्रस्तुत नही करने पर आयोग की डबल बेंच के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए आदेश जारी किए गए कि सचिव शिक्षा उत्तराखण्ड, शासन देहरादून की ओर से आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है। पुनः नोटिस जारी हो। वह इस सम्बन्ध में अपनी आख्या 04 सप्ताह में आयोग के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करें।
आख्या प्रस्तुत न करने की स्थिति में वह किसी वरिष्ठ भिज्ञ अधिकारी को समस्त प्रपत्रों के साथ प्रत्येक दशा में आगामी दिनांक को आयोग के समक्ष उपस्थित करेंगे। जिससे उनका सशपथ बयान अंकित किया जा सके पत्रावली दिनांक 24 फरवरी, 2022 को प्रस्तुत हो।