भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
समस्त मामला इस प्रकार हैं कि दिनाँक-13-5-2022 लोक सूचना अधिकारी पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून से जनहित राज्यहित में विभागीय प्रमाण सहित सूचनाएं मांगी गयी कि-
1- यह कि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स का नाम एवं जिस दिनाँक से इस पद पर नियुक्त हैं विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।
2 – यह कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके नाम सहित विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।
3 – यह कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं प्रत्येक के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।
4 – यह कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक उत्तर प्रदेश राज्य से भिन्न जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं, प्रत्येक के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।
*वर्तमान में कोई नहीं हैं डी.जी.रूल्स एवं मेनुअल्स*
लोक सूचना अधिकारी ने लगभग 33 दिन बाद समयावधि पश्चात उत्तर दिया कि वर्तमान में कोई अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स के पद पर नियुक्त नहीं है, जबकि पूर्व में उत्तराखंड राज्य के गठन के पश्चात से डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स प्रेमदत्त रतूड़ी से लेकर डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स अनिल कुमार रतूड़ी के कार्यकाल तक 5 अधिकारी रूल्स एवं मेनुअल्स रहे हैं, तो डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार के कार्यकाल में क्या कोई डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स नही हैं।
*उत्तराखंड के पूर्व डी.जी.रूल्स एवं मेनुअल्स*
गौरतलब हैं कि उत्तराखंड राज्य गठन के पश्चात प्रेमदत्त रतूड़ी, आलोक बिहारी लाल, बी.एस. सिद्धू, एस. के. भगत एवं अनिल के रतूड़ी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स के पद पर बने रहे हैं।
*क्या-क्या बनाये रूल्स एवं मेनुअल्स*
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं, प्रत्येक अधिकारी के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना मांगी गयी थी परंतु लोक सूचना अधिकारी ने उत्तर दिया है कि उक्त बिंदु की सूचना धारित नहीं है,जबकि ऐसा हो सकता हैं क्या क्योंकि उत्तराखंड राज्य के गठन के पश्चात से 5 डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स पद पर रहे और कोई कार्य ही नही किया,तो आखिर किसके द्वारा 22 वर्षो तक रूल्स एवं मेनुअल्स बनाये गए हैं।
पुलिस मुख्यालय से यह जानकारी भी मांगी गई थी कि “उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक उत्तर प्रदेश राज्य से भिन्न जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं, प्रत्येक के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए, इस बारे में भी उत्तर दिया गया है कि उक्त बिंदु की सूचना धारित नहीं है।
*उपरोक्त मामलें में प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड,देहरादून के यहां अपील योजित कर दी गयी हैं।*
1. यह कि लोक सूचना अधिकारी पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड,देहरादून से दिनाँक 13-5-2022 को 4 बिंदुओं की विभागीय प्रमाण सहित सूचना मांगी गयी थी ।
2. यह कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा दिनाँक 14-6-2022 को लगभग 33 दिन समयावधि पश्चात उत्तर पत्र भेजा गया।
3. यह कि लोक सूचना अधिकारी ने बिंदु संख्या 01 की सूचना में स्पष्ट रूप से बाधा पहुँचाहते हुए सूचना उपलब्ध नही करवाई हैं क्योंकि अपीलार्थी द्वारा बिंदु संख्या 1 में सूचना मांगी गई थी कि “उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स का नाम एवं जिस दिनाँक से इस पद पर नियुक्त हैं विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए” परन्तु लोक सूचना अधिकारी द्वारा उत्तर दिया गया कि वर्तमान में कोई अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स के पद पर नियुक्त नहीं है,जबकि पूर्व में उत्तराखंड राज्य के गठन के पश्चात से डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स प्रेमदत्त रतूड़ी से लेकर डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स अनिल कुमार रतूड़ी के कार्यकाल तक 5 अधिकारी रूल्स एवं मेनुअल्स रहे हैं, तो वर्तमान डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार के कार्यकाल में क्या कोई डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स नही हैं।
4- यह कि बिंदु संख्या 2 में सूचना मांगी गई थी कि “उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जे. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके नाम सहित विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाएं” लोक सूचना अधिकारी ने बिंदु संख्या 2 की सूचना उपलब्ध करवाई हैं कि राज्य गठन के पश्चात प्रेमदत्त रतूड़ी, आलोक बिहारी लाल, बी.एस. सिद्धू, एस. के. भगत एवं अनिल के रतूड़ी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं।
5- यह कि बिंदु संख्या 3 में सूचना मांगी गयी थी कि “उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं प्रत्येक के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए” परंतु लोक सूचना अधिकारी ने स्पष्ट रूप से बाधा पहुंचाते हुए सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई हैं क्योंकि उनके द्वारा उत्तर दिया गया है कि उक्त बिंदु की सूचना धारित नहीं है,जबकि ऐसा नही हो सकता क्योंकि उत्तराखंड राज्य के गठन के पश्चात से डीजी रूल्स एवं मेनुअल्स पद पर रहे और कोई कार्य ही नही किया,तो आखिर किसके द्वारा 22 वर्षो तक रूल्स एवं मेनुअल्स बनाये गए हैं।
6- यह कि बिंदु संख्या 4 में सूचना मांगी गई थी कि “उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जितने भी अधिकारी डी.जी. रूल्स एवं मेनुअल्स बने हैं उनके द्वारा वर्तमान तक उत्तर प्रदेश राज्य से भिन्न जितने भी रूल्स एवं मेनुअल्स बनाए गए हैं, प्रत्येक के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए, परंतु लोक सूचना अधिकारी ने स्पष्ट रूप से बाधा पहुंचाते हुए सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई हैं क्योंकि उनके द्वारा उत्तर दिया गया है कि उक्त बिंदु की सूचना धारित नहीं है।