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पीएम अपने संसदीय क्षेत्र में 17 घंटे के प्रवास में किसान सम्मेलन को करेंगे संबोधित, 30 हजार कृषि सखियों को देंगे प्रमाण पत्र

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी संसदीय सीट से तीसरी बार सांसद बनने व प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मंगलवार को पहली बार काशी आ रहे हैं। उनके स्वागत में नगर भगवा झंडों से सज गया है। जगह-जगह ढोल नगाड़े, डमरू दल व शंखनाद से भव्य स्वागत की तैयारी है

  • प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर 18 जून को दोपहर साढ़े तीन काशी पहुंचेंगे।
  • बाबतपुर एयरपोर्ट पर विमान से उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से मेहंदीगंज हेलीपैड जाएंगे। वहीं कुछ दूरी पर बने मंच से किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
  • इस दौरान पीएम किसान सम्मान योजना के 9.26 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि 17वीं किस्त के रूप में जारी करेंगे।
  • इसमें वाराणसी के दो लाख 74 हजार 615 किसान भी लाभान्वित होंगे।
  • इसके साथ पीएम कृषि सखी के रूप में मान्यता प्राप्त 30,000 से अधिक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को भी प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इसमें वाराणसी की 212 कृषि सखी शामिल रहेंगी।
  • पीएम मंच से सांकेतिक के रूप में पांच कृषि सखियों को प्रमाण पत्र देंगे। इसमें वाराणसी की एक, मीरजापुर की एक व तीन अन्य प्रदेशों की कृषि सखी शामिल की गई हैं।
  • किसान सम्मेलन के बाद पीएम हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन आएंगे। सड़क मार्ग से दशाश्वमेध घाट जाएंगे। वहां गंगा आरती में शामिल होंगे। रात आठ बजे पीएम श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में जाएंगे और विधिवत पूजन-अर्चन करेंगे।
  • इसके बाद सड़क मार्ग से बरेका गेस्ट हाउस पहुंचेंगे और रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन सुबह आठ बजे बरेका हेलीपैड से बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और 9.45 बजे नालंदा (बिहार) के लिए प्रस्थान करेंगे।
  • प्रधानमंत्री 19 जून को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन करेंगे व सभा को संबोधित करेंगे।

पीएम के स्‍वागत की भव्‍य तैयारी

दूसरी तरफ भाजपा काशी में पीएम के स्वागत की भव्य तैयारी में जुटी है। तैयारियों को लेकर एमएलसी अश्वनी त्यागी, जिलाध्यक्ष एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, पूर्व विधायक जगदीश पटेल समेत अन्य नेताओं ने बैठक कर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। किसान सम्मेलन में अन्नदाता बसों, ट्रैक्टरों व चार पहिया वाहनों से किसान सम्मेलन में भाग लेने पहुंचेंगे। निकटवर्ती क्षेत्रों के किसान ढोल-नगाड़े के साथ पैदल मार्च करते किसान सम्मेलन में पहुंचेंगे।

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