भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
गणेश गोदियाल ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ के गर्भ गृह का लाइव प्रसारण नहीं होगा। मैं उन लोगों के जेहन में जाकर अपनी बात रखना चाहता हूं, मेरी बात को अपनी कसौटी पर कसें और इस पर मनन करें कि क्या कोई धर्म परायण व्यक्ति भगवान की आराधना करने में कैमरे लेकर वहां जाएगा। मैं स्वयं जब प्रभु के पास जाऊं या अपनी मां से मिलने जाऊं तो मैं ऐसी उम्मीद नहीं करता कि मैं कैमरे के सामने अपनी मां से मिलूं। कैमरे के सामने प्रभु से प्रार्थना करें, लेकिन यह क्या कारण था कि जहां पर नियम है कि केदारनाथ के गर्भ गृह के अंदर कोई लाइव टेलीकास्ट या फोटो सेशन नहीं होगा, वहां पर नियमों को ताक पर रखकर प्रधानमंत्री जी को स्पेशल छूट दी गई कि आप यहां से लाइव प्रसारण कर सकते हैं।
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गणेश गोदियाल ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि विकास का विरोध किसने किया? हम तो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री जी और तेजी से विकास की बातें करें और कुछ दें, वाकई कुछ दें, लेकिन बिना बात के मंदिर के परिसर से देश को संबोधित करना और राजनीतिक बातें वहां से करना, विकास की बातें करन, क्या वही एक स्थान मिला था, केदारनाथ मंदिर का ही एक स्थान मिला था? यह उस स्थान का राजनीतिक प्रयोग कर अपने हित साधने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि एक धर्म परायण व्यक्ति होने के नाते मैंने पहले ही कहा कि हम इस बात से आहत हैं और मैंने प्रभु से याचना की है कि हे प्रभु वह 2013 का विकराल रूप उत्तराखंड वासियों को पुनः मत दिखाना। हम मनुष्य हैं और वैसे हम मनुष्यों से भूल हो जाती है, अगर हमारे राजनीतिक विरोधियों ने भी अगर भूल की है तो प्रभु उनकी भूल को भी क्षमा करना।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पुरोहितों के बारे में हक हकूक धारियों के बारे में कोई बातें नहीं कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर तक हम इसका कोई हल निकालेंगे, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि पहले उन्होंने अक्टूबर की डेडलाइन दी थी, अब नवंबर की बात कर रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिरी लेटलतीफी क्यों कर रहे हैं ? क्या कारण है कि लेटलतीफी कर रहे हैं? गोदियाल ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहाा कि मैं हमारे तमाम पुरोहित समाज को यह आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर हमारी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस एक्ट के ध्वस्तीकरण का हम प्रस्ताव पास करेंगे, मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं।