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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में विश्व किडनी दिवस के अवसर पर विशेषज्ञों ने सांझा किये अनुभव,हर आयु वर्ग में बढ़ रही गुर्दा रोगियों की संख्या चिंताजनक

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

हर आयु वर्ग में बढ़ रही गुर्दा रोगियों की संख्या चिंताजनक
 श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में विश्व किडनी दिवस के अवसर पर विशेषज्ञों ने सांझा किये अनुभव
 अस्पताल की ओर से किडनी दानदाताओं को किया गया सम्मानित
देहरादून: विश्व किडनी दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ में नैफ्रोलॉजी विभाग द्वारा गुर्दा स्वास्थ्य सबके लिए विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने गुर्दा रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर व गुर्दा रोगों से बचाव के महत्वपूर्णं टिप्स सांझा किये। अस्पताल की ओर से किडनी दानदाताओं को सम्मानित किया गया।
काबिलेगौर है कि प्रत्येक वर्ष मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष मार्च को विश्व किडनी दिवस के रूप में मनाया गया। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज के ऑडोटोरियम में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ उदय सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में किडनी रोगियों, उनके परिजनों, डॉंक्टरों, मेडिकल छात्र-छात्राओं व आम जन-मानस के लिए विश्व किडनी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम गुर्दा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉं0 आलोक कुमार ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉं0 दोरछम खृमे के द्वारा सरस्वती वन्दना गाई गई जिसने प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कुलपति डॉ यू.एस.रावत ने कहा कि किडनी की बीमारी बहुत देरी से पता चलती है।
उत्तराखण्ड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी ऐसी बीमारियों के प्रति जागरूक रहना होगा। किडनी की बीमारी के एडवांस स्टेज़ पर पहुंच जाने के बाद बीमारी का उपचार व रोकथाम जटिल हो सकता है। इसलिए जन जागरूकता बेहद जरूरी है।
डॉ0 आलोक कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस वर्ष 10 मार्च की थीम है- ‘‘गुर्दा स्वास्थ्य: सबके लिए‘‘। उन्होंने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में गुर्दे के विशेषज्ञ डॉंक्टर व इससे सम्बन्धित सभी रोगों का उपचार उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यहॉं गुर्दा प्रत्यारोपण की पूर्ण सुविधा व किडनी टाªंसप्लांट यूनिट की व्यवस्था है। उन्होंने जानकारी दी कि यहॉं अब तक 12 रोगियों का सफल गुर्दा प्रत्यारोपण यहॉं हो चुका है।
डॉं0 आलोक कुमार ने विश्व किडनी दिवस के महत्व एवम् भारत में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि गुर्दे के विशेषज्ञों की कमी के कारण गुर्दा रोगियों को आकस्मिक स्थिति में उपचार नहीं मिल पाता जिसके कारण रोग बेहद विकराल रूप धारण कर लेता है। बढ़ते गुर्दे रोगियों के मद्देनज़र लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। रोगी बेहद गम्भीर अवस्था में आ जाने के बाद ही गुर्दा रोग विशेषज्ञ के पास पहुॅंचता है, तब तक रोग बेहद जटिल अवस्था में पहुंच जाता है।
गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉं0 विवेक रूहेला ने उच्च रक्तचाप एवम् मधुमेह के रोगियों को गुर्दे के रोगों से बचाव के विषय में बताया। डॉं0 विवेक रूहेला ने बताया कि उच्च रक्तचाप एवम् मधुमेह के रोगियों में गुर्दे के रोग अधिक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान गुर्दा प्रत्यारोपण पर समूह चर्चा की गई। समूह चर्चा मंे यूरोलॉजिस्ट डॉ कमल शर्मा ने किडनी दिए जाने के वैज्ञानिक व मेडिकल पक्ष को समझाया। उन्होंने जानकारी दी कि ब्रेन डैड होने के बावजूद दानदाता के परिजन भी किडनी दान करवा सकते हैं।
यूरोलॉजिस्ट डॉ विवेक विजन ने कहा कि (क्रॉनिक किडनी डिजीज़) चिरकालिक गुर्दें की असफलता के विकराल स्वरूप पर पहुंचने के बाद किडनी प्रत्यारोपण ही उपचार एकमात्र विकल्प होता है। 18 वर्ष से 65 वर्ष तक की आयु वर्ग का स्वस्थ व्यक्ति किडनी दान कर सकता है। किडनी प्रत्यारोपण के बारे में समाज में अनेक भ्रांतियां हैं इन्हें दूर किये जाने की आवश्यकता है। किडनी प्रत्यारोपण के बाद रोगी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। नैफ्रोलॉजिस्ट डॉ विवेक रूहेला ने कहा कि किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज़ व उनके परिजनों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्णं है। संयमित जीवन शैली व संयमित खान-पान, समय समय पर चिकित्सकीय परामर्श व संक्रमण से बचाव इसका मूल मंत्र है। कार्यक्रम में अस्पताल की ओर से किडनी दानदाताओं को सम्मानित किया गया। इसके उपरांत गुर्दा रोगियों व गुर्दा प्रत्यारोपण करवा चुके रोगियों व उनके परिजनों ने भी अपने विचार व्यक्त किये व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के गुर्दा रोग विशेषज्ञों व उनकी टीम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। डॉं0 आलोक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर निदेशक एसजीआरआर आईएमएण्डएचएस डॉ नरदीप नैथानी, उप प्राचार्य डॉं0 सुधीर सच्चर, उप प्राचार्य डॉ उत्कर्ष शर्मा, डॉं0 अमित वर्मा, डॉ0 एम0ए0बेग, डॉ सदाकत अली, डॉ तारिक मसूद, डॉ सुलेखा नौटियाल, डॉ मनीषा गुप्ता, सुषमा कोठियाल आदि उपस्थित थे।