देवबंद। जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सिफारिश को आधार बनाकर उत्तराखंड सरकार मकतबों व मदरसों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसे लेकर जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।सोमवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि उत्तराखंड में मकतब और मदरसों के कार्यों में सरकारी अधिकारी असंवैधानिक हस्तक्षेप करने के साथ ही मदरसा चलाने वालों को भयभीत कर रहे हैं। सरकार की ओर से मदरसों को नोटिस जारी कर अब तक बहुत से मदरसों को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया है।
‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है यह कार्रवाई’
मौलाना मदनी ने कहा कि उत्तराखंड में हो रही यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। बताया कि उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की कार्रवाई की गई थी, तब जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उनकी याचिका पर माननीय न्यायालय ने ऐसे नोटिसों पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
तीन अवैध मदरसे सील
बता दें, उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर सरकार का एक्शन जारी है। सोमवार को कालाढूंगी में प्रशासन ने तीन अवैध मदरसों को सील कर दिया है। इससे अवैध मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा है। प्रशासन की टीम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पंजीकरण न कराने वाले तीन मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की।दरअसल, उत्तराखंड में बीते दो मार्च को खाटू श्याम बाबा के संकीर्तन में विशेष समुदाय के बच्चों ने पथराव किया था। इसके बाद पथराव करने वाले बच्चों को जुबेर आलम नामक व्यक्ति ने मदरसे में छिपा दिया। इसके बाद से हिन्दूवादी संगठनों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी को अवैध मदरसों व अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की मांग की।
हाल में ही विधायक प्रतिनिधि विकास भगत ने कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम रेखा कोहली व ईओ अभिनव कुमार के साथ बैठक कर अवैध मदरसों व अतिक्रमण पर कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और फैज ए उल उलूम एहले सुन्नत वार्ड नं 7 (जामा मस्जिद), मदरसा इस्लामिया अरविया तालीमुल कुरान सोसाइटी वार्ड न० 04 (मोती मस्जिद) व रजा मदरसा अरबिया वार्ड न0 2 नौदिया फार्म एवं मदरसा जामिया हबीबिया दरगाह शरीफ का संयुक्त निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान मदरसों का पंजीकरण व अन्य ठोस दस्तावेज न पाये जाने के कारण मदरसों के संरक्षकों के समक्ष शांतिपूर्ण तरीके से तीन मदरसों को अग्रिम आदेशों तक सील बंद किया गया।